उत्तराखंड में संवैधानिक संकट- नए CM तीरथ रावत की गई कुर्सी Social Media
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उत्तराखंड में संवैधानिक संकट- नए CM तीरथ रावत की गई कुर्सी

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 4 महीने के अंदर ही CM की कुर्सी छोड़नी पड़ी है। संवैधानिक संकट की वजह से उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भी सौंप दिया है।

Author : Priyanka Sahu

उत्तराखंड, भारत। सत्‍तारूढ़ पार्टी भाजपा का उत्तराखंड राज्‍य में सियासी उठापटक का खेल एक बार फिर चर्चा में आया है, क्‍योंकि उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाया गया था और अब 4 महीने के अंदर ही उन्‍हें CM की कुर्सी छोड़नी पड़ी है। उत्तराखंड में संवैधानिक संकट के चलते तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा राज्‍यपाल को सौंप दिया है।

क्‍यों दिया इस्तीफा :

दरअसल, तीरथ सिंह रावत विधानसभा के सदस्य नहीं थे और वर्तमान हालात में उपचुनाव होना भी मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। हालांकि, उन्होंने इतनी आसानी से इस्तीफा नहीं दिया है, इसके लिए उन्‍होंने 3 दिन और 2 मीटिंग की। उत्तराखंड में भाजपा के अंदर सियासी मंथन पिछले तीन दिनों से राजधानी दिल्ली में चल रहा था। इस दौरान CM तीरथ सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से 2 बार मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं मुलाकातों के बाद CM रावत अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हुए।

नरेंद्र सिंह तोमर उत्तराखंड रवाना :

इस बीच आज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने आवास से उत्तराखंड के लिए रवाना हुए है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कल राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा था। बताते चलें कि, 10 मार्च, 2021 को तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के CM पद की शपथ ली थी और उन्‍हें 10 सितंबर से पहले उन्हें किसी सदन का सदस्य होना जरूरी थी। उन्‍होंने संवैधानिक संकट और अनुच्छेद 164 का हवाला देते हुए इस्तीफे की बात कही है।

बता दें कि, अनुच्छेद 164(4) के अनुसार, अगर कोई मंत्री अगर 6 माह की अवधि तक राज्य के विधानमंडल (विधानसभा या विधान परिषद) का सदस्य नहीं होता है, तो उस समयसीमा के खत्म होने के बाद मंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा।

पश्चिम बंगाल की स्थिति भी उत्तराखंड जैसी हो सकती है :

तो वहीं, पश्चिम बंगाल की स्थिति भी उत्तराखंड जैसी ही दिख रही है। उत्तराखंड के CM तीरथ सिंह रावत के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए भी मुश्किल हो सकती है, क्‍योंकि CM ममता बनर्जी अभी विधानसभा की सदस्य नहीं हैं।

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