सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में डॉप्लर रडार लगाने के लिए साइन किया गया एमओयू।
दिल्ली में आईएमडी और राहत आयुक्त कार्यालय के बीच साइन किया गया एमओयू।
रडार के जरिये प्रदेशवासियों को आपदाओं के प्रति पहले से ही किया जा सकेगा सचेत।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। जलवायु परिवर्तन के कारण पूरी दुनिया समेत उत्तर प्रदेश में भी प्राकृतिक आपदाओं जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी और तूफान का खतरा बना रहता है। इसकी वजह से धनहानि के साथ-साथ जनहानि भी होती है, जिसको न्यूनीकृत करने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश को भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में पहले ही सटीक जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार को दिल्ली में राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश और भारतीय माैसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बीच प्रदेश में चार डॉप्लर रडार स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया गया। इससे सरकार को आपदा से पहले अलर्ट जारी करने और प्रबंधन में आसानी होगी। एमओयू के दौरान आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा और राहत आयुक्त जीएस नवीन मौजूद रहे।
प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति को कम से कम करने के लिए बड़े निर्णय ले रहे हैं। उन्हीं के निर्देश पर प्रदेश में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिलों में डॉप्लर रडार स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया गया है। इस बारे में राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि प्रदेशवासियों को मौसमी परिस्थितियों जैसे बाढ़, आकाशीय बिजली, बेमौसम बारिश से पहले अलर्ट करने के लिए डॉप्लर की स्थापना के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से एमओयू साइन किया गया है। अभी तक प्रदेश में केवल एक ही डॉप्लर रडार था। ऐसे में चार डॉप्लर रडार लगाने से इसकी संख्या पांच हो जाएगी। वहीं आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने एमओयू कहा कि उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है। यहां पर भारी वर्षा, बिजली, ओलावृष्टि और तूफान समेत अन्य प्राकृतिक आपदाओं के आने की संभावना रहती है। ऐसे में इससे निपटने के लिए प्रदेश में चार डॉप्लर रडार की स्थापना काफी कारगार साबित होगी। इसके लिए उन्होंने योगी सरकार और विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्हाेंने कहा कि योगी सरकार का यह कदम उनके आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने एमओयू के लिए योगी सरकार और राहत आयुक्त कार्यालय को बधाई दी।
रियलटाइम में वर्षा, बादलों की प्रगति, गरज और आकाशीय बिजली का अवलोकन कर जानकारी देगा।
आसपास के 400 किलोमीटर क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव के बारे में सटीक जानकारी देता है।
डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल करते हुए अति सूक्ष्म तरंगों को भी कैच कर लेता है।
अति सूक्ष्म तरंगों की दिशा को बड़ी आसानी से पहचान लेता है।
हवा में तैर रहे माइक्रोस्कोपिक पानी की बूंदों को पहचानने के साथ यह उनकी दिशा का भी पता लगा लेता है।
पानी की बूंदों के आकार और उनकी रफ्तार को हर मिनट अपडेट करता है।
डॉप्लर वेदर रडार से प्राप्त होने वाला डाटा इतना एक्यूरेट होता है कि यह बता पाना काफी आसान हो जाता है सामान्य वर्षा होगी, आंधी आएगी या तूफान आने वाला है।
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