राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के द्वारा मंडियों में छूट प्रदान की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि इसके अन्तर्गत मण्डी परिसर के बाहर कृषक समूह, कृषक उत्पादन संगठन, शीतगृह/साइलो एवं प्रसंस्करण इकाइयों को सीधी खरीद के लिये मौजूदा मण्डी नियमों में छूट देने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से किसान हित में विकेन्द्रीकृत विपणन व्यवस्था लागू की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली, 2019 में मण्डी उपस्थल घोषित करने तथा सीधी खरीद का लाइसेन्स देने की व्यवस्था की गई थी।
उत्तर प्रदेश के सूत्रों ने बताया कि मण्डी उपस्थल घोषित कराने के नियम 58-क में ऐसे सभी शीतगृह, साइलो जिनकी भण्डारण क्षमता अन्यून 5000 टन निर्धारित थी, को घटाकर अब न्यूनतम 4000 टन करते हुए मण्डी उपस्थल घोषित कराने की व्यवस्था की गई है। इससे लगभग सभी 1911 शीतगृह मण्डी उपस्थल बन सकेंगे। इसी प्रकार, 10 टन प्रति दिन की प्रसंस्करण क्षमता की इकाइयों जैसे दाल मिल, आटा मिल, आयल मिल को भी मण्डी उपस्थल घोषित करने की व्यवस्था की गयी है। इससे मण्डियों में खरीद फरोख्त के लिये भीड़ नहीं लगेगी तथा किसानों को अपने उत्पादन क्षेत्र के नजदीक, उत्पाद को बेचने की सुविधा मिल सकेगी।
बता दें कि सूत्रों ने बताया कि मण्डी उपस्थल के निर्धारित लाइसेंस शुल्क 2000 रुपए प्रति वर्ष की वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) में छूट प्रदान की जा रही है। केन्द्र व राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सरकारी, सार्वजनिक उपक्रम, निगम, सहकारिता के स्वामित्व के भण्डागार, साइलो को आवेदन के साथ शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा 5 लाख रुपए बैंक प्रतिभूति के प्रविधान को भी समाप्त कर दिया गया है।
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