Gyanvapi Case: ज्ञानवापी विवाद मामले पर आज वाराणसी (Varanasi) कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए जज ए.के. विश्वेश की एकल पीठ ने कहा कि, मामला सुनवाई योग्य है। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है। जिला जज वाराणसी ने हिंदू पक्ष की ज्ञानवापी परिसर के अंदर पूजा अर्चना करने की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना है। इसके साथ अदालत ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज कर दिया है।
इस दिन होगी अगली सुनवाई:
बता दें कि, अदालत ने इस मामले में सुनवाई जारी रखने का आदेश देते हुए अगली तारीख 22 सितंबर तय की है। अदालत ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यह मामला उपासना स्थल कानून 1991 के प्रावधानों से बाधित नहीं है, इसलिये यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता के नियम 07 नियम आदेश 11 के अंतर्गत नहीं आता है। उपासना स्थल कानून 1991 में देश के धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 1947 वाली स्थिति को बरकरार रखने का प्रावधान है। वहीं, सिविल प्रक्रिया संहिता से संबंधित नियम में प्रावधान है कि, किसी मौजूदा कानून से प्रतिबंधित होने वाले वाद पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।
बता दें कि, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, इस मुकदमे की पोषणीसता के बारे में सुनवाई की थी। शीर्ष अदालत के आदेश पर वाद की पोषणीयता संबंधी मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर लगभग दो महीने चली सुनवाई के बाद 24 अगस्त को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
अदालत के फैसले पर बोले वकील विष्णु शंकर जैन:
अदालत द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, "अदालत ने अंजुमत इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा पोषणीयता से संबंधित अर्जी को खारिज करते हुए मामले की सुनवाई जारी रखने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि, याचिका सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।"
याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य का कहना:
वहीं, ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि, "ये हिंदू समुदाय की जीत है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को है। आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।"
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।