मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश। मिर्जापुर जिले की छानबे विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव में सास बहू के आमने सामने से आया रोमांच 24 घंटे भी नहीं टिक सका जब सास पन्ना देवी का पर्चा जांच के बाद खारिज कर दिया गया।
मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश। मिर्जापुर जिले की छानबे विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव में सास बहू के आमने सामने से आया रोमांच 24 घंटे भी नहीं टिक सका जब सास पन्ना देवी का पर्चा जांच के बाद खारिज कर दिया गया।
दरअसल, गुरुवार को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा गठबंधन की ओर से अपना दल (सोनेलाल) की प्रत्याशी के रूप में श्रीमती रिंकी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था जबकि नामांकन की समय सीमा खत्म होने के कुछ देर पहले उनकी सास पन्ना देबी ने भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। सास बहू के आमने सामने आने से क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था।
यह रोमांच हालांकि कुछ घंटों तक ही बरकरार रहा। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद पन्ना देवी को पर्चा निरस्त कर दिया गया। अब इस चुनाव में कुल नौ प्रत्याशी मैदान में है। सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि है।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि आज जांच के बाद रिंकी भाजपा गठबंधन अपना दल कीर्ति कोल समाजवादी पार्टी अजय कुमार कांग्रेस के साथ छह निर्दलीय उम्मीदवार क्रमशः शिवपूजन अर्जुन उमेश भीमराव राज नारायण एवं सर्वेश कुमार के पर्चे बैध पाए गए हैं।
छानबे विधानसभा का उपचुनाव अपना दल के विधायक राहुल कोल के निधन से खाली हुई सीट पर हो रहा है। भाजपा ने इस बार भी इस सीट को सहयोगी अपना दल के लिए छोड़ा है। राहुल कोल सोनभद्र के अपना दल सांसद पकौड़ी कोल के पुत्र हैं। रिंकी राहुल की पत्नी और पकौड़ी कोल की बहू है जबकि पन्ना देबी पकौड़ी कोल की पत्नी हैं।
मुख्य लड़ाई सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल से मानी जा रही है। वह भी पूर्व सांसद भाई लाल कोल की पुत्री है। भाई लाल भी छानबे विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे थे।
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