उत्तर प्रदेश, भारत। साल 2020 खत्म ही होने वाला है, इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वर्ष के लिए नया लक्ष्य तय किया और इस बारे में आज ऐलान भी किया है।
योगी सरकार का 2022 का नया लक्ष्य :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 (#3rdREINVEST) को संबोधित करते हुए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात पर बल देते हुए कहा, इस साल 2020 तक 10700 मेगावाट क्षमता के सौर विद्युत परियोजनाओं के अधिष्ठान का लक्ष्य निर्धारित है।
UP बड़े पैमाने पर कर रहा ऊर्जा का उत्पादन :
रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्सपो इन्वेस्ट-2020 (#3rdREINVEST) को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''ऊर्जा की खपत और उत्पादन विकास का मुख्य आधार है। सोलर एनर्जी से उत्तर प्रदेश बड़े पैमाने पर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। सोलर एनर्जी और बायो फ्यूल की यूपी में असीमित सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए 2017 में नीति बनाई गई थी। इसके तहत थर्ड पार्टी विक्रय के लिए ओपन एक्सेस सुविधा उपलब्ध है।''
CM योगी द्वारा कही गई बातें :
व्यक्तिगत उपयोग के लिए सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना एवं सोलर पावर पार्क के विकास का प्रावधान भी यूपी सरकार ने किया है। नीति के अंतर्गत 2020 तक 10,700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं के अधिष्ठान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में 6,400 मेगावाट यूटिलिटी व 6,300 मेगावाट रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है। सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत ऑनलाइन सिंगल-विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था,परियोजनाओं की स्थापना हेतु भूमि पर 100% स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई है।
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष के लिए 100% की छूट दी गई है। पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए थर्ड पार्टी को पावर सेल अनुमान्य किया गया है, जिसमें इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन चार्जेज पर 50% तथा इंटर-स्टेट पर 100% तक छूट दिए जाने का प्रावधान भी है।
बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोलर परियोजना के ग्रिड संयोजन हेतु पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन कर रही है। 05 से 10 मेगावाट पर 10 किमी, 10 से 15 मेगावाट पर 15 किमी और 50 मेगावाट से अधिक पर 30 किमी पारेषण लाइन का व्यय सरकार वहन करेगी।
सोलर एनर्जी के अतिरिक्त प्रदेश में संचालित जैव ऊर्जा प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत बायो फ्यूल से संबंधित उद्यम की स्थापना पर 15% से 25% वित्तीय उपादान, 10 वर्षों तक S-GST की प्रतिपूर्ति व भूमि क्रय पर स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट प्रदान की जा रही है।
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