मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन डेंगू के मुद्दे पर अखिलेश यादव को दिया करारा जवाब।
आपकी समस्या हर मुद्दे का राजनीतिकरण करके समाज में अव्यवस्था पैदा करना है, कोरोना काल में लोग आपको समझ चुके हैं।
डेंगू को लेकर सरकार अवेयर है, अंतरविभागीय समन्वय से संचारी रोग नियंत्रण के लिए सरकार ने गंभीर प्रयास किया।
मुख्यमंत्री राहत कोष से हम चेहरा देखकर पैसा नहीं देते, विपक्षी विधायकों को भी बिना भेदभाव उपलब्ध कराई है धनराशि।
विपक्षी विधायकों के शोर-शराबे के बीच सीएम योगी ने चुन-चुनकर सारे आरोपों पर रखा सरकार का पक्ष।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन डेंगू पर विपक्ष के सवालों का सीएम योगी ने करारा जवाब दिया। खासकर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के संबंध में जो वक्तव्य दिया गया है तो याद रखना कि ये डबल इंजन की सरकार है, ये कहती नहीं बल्कि करके भी दिखाती है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकारी अस्पतालों में लोगों को डेंगू का इलाज नहीं मिल रहा और लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर हैं। नेता प्रतिपक्ष और सपा विधायकों के सवालों का जवाब डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर ब्रजेश पाठक दे रहे थे। विपक्षी विधायकों के शोर-शराबे के बीच सीएम योगी खड़े हुए और उन्होंने चुन-चुनकर सारे आरोपों का जवाब दिया।
सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष ने डेंगू पर जैसा प्रश्न किया, वैसा ही उसका उन्हें उत्तर मिल रहा है। जब प्रश्न ही उल्टा था तो उस उल्टे प्रश्न को सही करने का प्रयास था। अभी आपने आधा ही जवाब सुना है, पूरा सुनेंगे तो संभवतः पुराना इतिहास याद आने लगेगा। सीएम योगी ने कहा कि डेंगू को लेकर सरकार पहले से ही अवेयर थी। अंतरविभागीय समन्वय से संचारी रोग नियंत्रण के लिए सरकार ने गंभीर प्रयास किया है। आपने सिर्फ डेंगू की बात की है, लेकिन जब वेक्टर बांड डिजीज की बात करते हैं तो उसमें डेंगू के साथ मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार जैसी डिडीज भी आती हैं। इन सभी से संबंधित वेक्टर बांड डिजीज हों या वाटर बांड डिजीज हों, इनके उपचार के लिए सरकार के स्तर पर एक समन्वित प्रयास किया गया है। उस समन्वित प्रयास के माध्यम से ही संचारी रोग नियंत्रण के एक विशेष अभियान को वर्ष में तीन बार चलाया जाता है। पहले 15 दिन अवेयरनेस के साथ-साथ अंतरविभागीय समन्वय से स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग होने के नाते सभी अन्य विभागों के समन्वय से इन कार्यक्रमों को नियंत्रित करता है। इसके बाद दस्तक अभियान के माध्यम से डोर टू डोर जाकर यदि कोई भी व्यक्ति बुखार से पीड़ित है तो उसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में उपचार की सुविधा दिलाने की व्यवस्था करना शामिल है।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में क्षेत्रवार बीमारियों का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश 25 करोड़ आबादी का राज्य है और स्वाभाविक रूप से अलग-अलग क्लाइमेटिक जोन होने के नाते अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग बीमारियां देखने को मिलती हैं। जैसे आप ईस्टर्न यूपी से चलकर के नेपाल की तराई से लेकर सहानपुर तक देखेंगे तो इंसेफेलाइटिस से पूरा क्षेत्र प्रभावित था। अगर आप बरेली और बदायूं के आसपास के क्षेत्र को देखेंगे तो यह मलेरिया से ज्यादा संक्रमित रहता था। वाराणसी से प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर होते हुए फिरोजाबाद और आगरा तक पहुंचेंगे तो यह पूरा क्षेत्र डेंगू से प्रभावित है। बुंदेलखंड क्षेत्र में देखेंगे तो यह पूरा क्षेत्र चिकनगुनिया से प्रभावित है। बिहार से सटे हुए जो क्षेत्र हैं वहां पर कालाजार ज्यादा प्रभावी रूप से देखने को मिलता था। उन्होंने कहा कि आपने सिर्फ डेंगू की चिंता की, डेंगू पूरी तरह से नियंत्रण में हैं जो सरकार के द्वारा समय से उठाए गए कदमों का परिणाम है।
सीएम योगी ने डेंगू के विषय में कहा कि यह एक प्रकार का फ्लू है। इसका अपना एक साइकिल होता है। मुझे आश्चर्य होता है कि जो सदस्य यह विषय उठा रहे थे वो जब चिल्ला रहे थे तो मुझे उनके स्वास्थ्य की भी चिंता हो रही थी। आपने जो बात कही है, वो ब्लड ट्रिप नहीं है उसको प्लेटलेट्स कहते हैं। वह पर्याप्त मात्रा में हर जनपद में उपलब्ध है। पहले क्या होता था कि हम पूरा ब्लड चढ़ाते थे। हर एक पेशेंट पर पूरे ब्लड की आवश्यकता नहीं है, खासतौर पर जो वायरल जनित बीमारियां होती हैं जिनमें डेंगू है या बहुत सारे ऐसे वायरस आते हैं जो प्लेटलेट्स काउंट को कम करते हैं। हम उस स्थिति में प्लेटलेट्स की अतिरिक्त आपूर्ति करते हैं। उसके लिए हर जनपद में ब्लड सेपरेटर यूनिट दी जा चुकी है। वे काम कर रही हैं। हर जगह सरकार के स्तर पर बेहतर प्रयास हुआ है।
सीएम योगी ने प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे को लेकर किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य बीमा का कवर भी ये सरकार उपलब्ध करा रही है। किसी भी इम्पैनल्ड हॉस्पिटल में चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल में उसे सभी सुविधाएं मिल रही हैं। पूरा सदन गवाह है कि हर माननीय सदस्य को सदन के द्वारा अपनी निधि से 25 लाख रुपए सालाना देने का अधिकार दिया गया है। यही नहीं, मुख्यमंत्री राहत कोष से हम चेहरा देखकर पैसा नहीं देते हैं। कोई भी व्यक्ति आवेदन करता है, उसकी जाति, उसका मत और मजहब नहीं देखा जाता है। वो पीड़ित राज्य का नागरिक है, उसको प्रदेश में, देश में या दुनिया में कहीं भी स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा मिलती है तो मुख्यमंत्री राहत कोष से भी हम पैसा देने में हम कोई कोताही नहीं करते। तमाम माननीय सदस्य चाहे वो विपक्ष में बैठे हुए हैं वो हर व्यक्ति यह बात कह सकता है कि उनके प्रस्ताव आते हैं और बिना किसी भेदभाव के हमने उसके लिए भी धनराशि उपलब्ध कराई है।
सीएम योगी ने अंत में फिर अखिलेश यादव और सपा पर हमला करते हुए कहा कि समस्या इस बात की नहीं है कि हम समस्या के समाधान की ओर जाएं, समस्या केवल हर मुद्दे का राजनीतिकरण करके समाज में अव्यवस्था पैदा करना है। लोगों में असंतोष पैदा करने का जो कुत्सित प्रयास किया जाता है वो तो कोरोना कालखंड में भी लोगों ने देख लिया था, जब आप लोगों को बहका रहे थे कि वैक्सीन मत लगवाना, ये तो मोदी वैक्सीन है। परिणाम क्या है, मोदी जी के शासनकाल में, उनके मार्गदर्शन में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई दोनों वैक्सीन दुनिया की सबसे प्रभावी वैक्सीन हैं। दुनिया के तमाम देशों में कोरोना महामारी के मामले बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। भारत और उत्तर प्रदेश में कोरोना कंट्रोल में है। प्रदेश में कहीं कोई समस्या नहीं है। सरकार आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पूरी तरह सतर्क है। अब तो वैसे भी डेंगू के मामले समाप्ति की ओर हैं। उन्होंने अंत में पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि काफी समय हो गया है मंत्री पद से हटे हुए तो आप भूल गए होंगे तो आपके संज्ञान में लाने के लिए ये जानकारी दी गई है। इधर होते तो हो सकता है कि कुछ लॉलीपॉप मिल भी जाता, लेकिन वहां रहकर आपको कभी नहीं मिलना है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की तरफ से सदन में 28 हजार 760 करोड़ 67 लाख रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया। सदन में अनुपूरक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वित्तीय वर्ष 23-24 में प्रस्तावित अनुपूरक बजट का आकार 28,760.67 करोड़ है। इसमें राजस्व लेखे का व्यय 1946.39 करोड़ रुपए है। पूंजी लेखे का व्यय 9,714 करोड़ रुपए है। प्रस्तावित अनुपूरक मांग मे नई मांग की कुल धनराशि 7,421.21 करोड़ रुपए के प्रस्ताव सम्मिलित हैं। चालू योजनाओं में इसके लिए 21,339.46 करोड़ रुपए के प्रस्ताव हैं। अनुपूरक बजट प्रदेश में विकास की गति को और रफ्तार देगा। सरकार की जो तमाम कार्य योजनाएं हैं, यह बजट उनको पूरा करेगा। इस बीच, समाजवादी पार्टी ने बजट का विरोध किया करते हुए बॉयकाट भी किया।
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