प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में विधान परिषद के चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की भी सक्रिय भागीदारी ने मुकाबले को अब त्रिकोणीय बना दिया है। इसकी वजह जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी का जमानत पर जेल से बाहर आना है जिसके कारण चुनाव की सरगर्मी बढ़ गयी है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने विजय यादव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरिप्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जिले की दोनों सीटें प्रतापगढ़ और कुंडा पर जनसत्ता दल के खाते में ही गयी हैं।
पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह लगातार चार बार नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रहे। वर्तमान में सिंह की पत्नी प्रेमलता सिंह नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष हैं। बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की अगुवाई वाली जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह को चुनाव में नामांकन भरने के बाद स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के आरोप में उन्हें 07 साल की सजा सुना कर जेल भेज दिया था।
उन्होंने प्रभारी जिला जज की अदालत में जमानतत की अपील दायर की थी। जिला जज ने गत 24 मार्च को, उनकी जमानत को मंजूर करके सजा को स्थगित कर दिया। इसके बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आ गये हैं और उन्हें चुनाव लडने का भी अधिकार मिल गया।
सिंह द्वारा अपना प्रचार शुरू कर देने के कारण इस सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस बी सपा और भाजपा के प्रत्याशियों को अपने प्रचार में अधिक जोर आजमाइश करनी पड़ रही है। गौरतलब है कि गोपाल जी चार बार (1998, 2003, 2010 और 2016) विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। इस बीच 2004 में वह सांसद भी निर्वाचित हुये थे। राजा भैया की जिले में मजबूत पकड और राजनैतिक अनुभव का लाभ गोपाल जी को मिलता आ रहा है। गोपाल जी राजा भैया के नजदीकी है और उनकी मदद से गोपाल जी 2016 में निर्विरोध विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुये थे।
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