सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में एक नवविवाहित जोड़े ने शादी के बाद आयोजित प्रीतिभोज कार्यक्रम में पधारे मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट के रूप में 300 आम के कलमी पौधों को बांटकर पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संदेश दिया है।
सोनभद्र जिले में एक तहसील के तेंदु निवासी बृजेश रत्न मौर्य का विवाह रायपुर थाना क्षेत्र के डोरियां गांव निवासी मंजू से हुआ। वैवाहिक कार्यक्रम के बाद 27 मई को प्रीतिभोज कार्यक्रम रखा गया था। प्रीतिभोज कार्यक्रम का शुभारंभ नव विवाहित बृजेश व मंजू ने नीम का पौधा लगा कर किया। बृजेश ने पर्यावरण संरक्षण का एक अच्छा संदेश देने के लिए शादी के तमाम खर्चों में कटौती की। उन्होने अपने लिए शेरवानी नहीं खरीदी व मैजिक से बारात ले गए और आर्केस्ट्रा कैंसिल कर 30,000 रुपयों की बचत की।
इन बचत के पैसों से उन्होने 300 कलमी आम के पौधे खरीद कर अतिथियों को रिटर्न गिफ्ट के रुप में बांटे। इस कार्य के लिये बृजेश ने अपने घरवालों, अपनी पत्नी व ससुराल वालों को समझा कर पहले उनकी सहमति ले ली थी। बृजेश के इस कार्य में प्रकृति विधान फाउण्डेशन का सराहनीय योगदान रहा। बृजेश व मंजू की इस पहल को सभी अतिथियों ने सराहा और अपने घरों में भी होने वाली शादियों सहित तमाम कार्यक्रमों में पौधे बांटने की परंपरा की शुरुआत का संकल्प लिया।
बृजेश व मंजू के इस आयोजन की चर्चा आस-पास के कई गांवों तक थी। कुछ लोग तो बिन बुलाए मेहमान के तौर पर इस अनूठे कार्यक्रम को देखने आए थे। बृजेश और मंजू ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि उनकी शादी यादगार बने जिससे लोगों में कुछ सार्थक संदेश जाए और पर्यावरण की सुरक्षा और प्रदूषण से मुक्ति के लिए लोगों को जागरूक किया जा सके। ब्रजेश व मंजू का मानना है कि धरती माँ को हरा-भरा कर तमाम समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
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