ताजमहल में 'शिव मंदिर' का पता लगाने वाली जांच की अपील खारिज Social Media
उत्तर प्रदेश

ताजमहल में 'शिव मंदिर' का पता लगाने वाली जांच की अपील सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

उच्चतम न्यायालय ने आगरा के ताजमहल परिसर में 'शिव मंदिर' होने के दावे की सच्चाई पता लगाने वाली जांच के लिए निर्देश देने की गुहार वाली अपील शुक्रवार को खारिज कर दी।

News Agency

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आगरा के ताजमहल परिसर में 'शिव मंदिर' होने के दावे की सच्चाई पता लगाने वाली जांच के लिए निर्देश देने की गुहार वाली अपील शुक्रवार को खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली रजनीश सिंह की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह फैसला गलत नहीं है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा करने वाले श्री सिंह की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने याचिका अस्वीकार करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता यह स्थापित करने में विफल रहा कि उसके कौन से कानूनी या संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। याचिकाकर्ता यह साबित करने में असफल रहा। इस वजह से उच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकता।

उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की ओर से जांच के साथ ही ताजमहल परिसर के 22 कमरों को खोलने का निर्देश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देने की गुहार भी ठुकरा दी थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि ताजमहल की चार मंजिली इमारत के ऊपरी और नीचे हिस्से में 22 कमरे थे, जिन्हें बंद कर दिया गया था। उन कमरों में शिव मंदिर होने का दावा किया गया था। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील देते हुए कहा था कि कुछ हिंदू समूह की ओर से ताजमहल में एक पुराना शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। इस मंदिर को 'तेजो महालय' के नाम से जाना जाता था। याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि मंदिर होने के दावे का कई इतिहासकारों ने भी कथित रूप समर्थन किया था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT