जयंत चौधरी को यूपी में झटका RE
उत्तर प्रदेश

Lok Sabha Election 2024 : जयंत चौधरी को यूपी में झटका, रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी से दिया इस्तीफा

Author : Akash Dewani

हाइलाइट्स :

  • उत्तर प्रदेश में रालोद अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद जयंत चौधरी को बड़ा झटका

  • पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शहीद सिद्दीक़ी ने दिया इस्तीफा

  • कहा - 'देश के लोकतांत्रिक ढाँचे को समाप्त होते नहीं देख सकता'

उत्तर प्रदेश। राज्य सभा सांसद जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (RLD) को उत्तरप्रदेश में बड़ा झटका लग चूका है। रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शाहिद सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में रालोद के विलय के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक साथ लगातार पांच ट्वीट किए जिसमे एक वीडियो भी शामिल है। तीनों ट्वीट में उन्होंने बताया की क्यों उन्होंने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दिया है।

देश के लोकतांत्रिक ढाँचे को समाप्त होते नहीं देख सकता - शहीद

उन्होंने सबसे पहले सुबह सात बजे एक ट्वीट कर पार्टी छोड़ने की जानकारी देते हुए लिखा कि "मैं ने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी जी को भेज दिया है। मैं ख़ामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढाँचे को समाप्त होते नहीं देख सकता। मैं जयंत सिंह जी और आरएलडी मैं अपने साथियों का आभारी हूँ।"

जयंत चौधरी के नाम लिखा संदेश :

शहीद ने अपने दूसरे ट्वीट में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद जयंत चौधरी के नाम एक संदेश में लिखा -

"हमने 6 वर्षों तक एक साथ काम किया है और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। धर्मनिरपेक्षता और हम दोनों जिन संवैधानिक मूल्यों को संजोते हैं, उनके प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं कर सकता। हालाँकि अब रालोद के एनडीए का हिस्सा बनने से मैं असमंजस में पड़ गया हूँ। मैंने अपने दिल और दिमाग में लंबा और कठिन संघर्ष किया है, लेकिन खुद को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन से जुड़ने में असमर्थ पाता हूं। लेकिन अपनी बात करूं तो मैं खुद को इस चल रहे अभियान से और वास्तव में आरएलडी से अलग करने के लिए बाध्य हूं।कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।"

पार्टी छोड़ने का बताया कारण :

जयंत चौधरी के नाम सन्देश के बाद उन्होंने दो और ट्वीट कर पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है। उन्होंने लिखा "आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढाँचा ख़तरे मैं है ख़ामोश रहना पाप है । मैं जयंत जी का आभारी हूँ पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूँ। भारत की एकता, अखंडता, विकास और भाईचारा सर्वप्रिए है। इसे बचाना हर नागरिक की ज़िम्मेवारी और धरम है।"

उन्होंने लिखा कि "मैंने अब इस्तीफा क्यों दिया? दो कारण। मैं तुरंत इस्तीफा नहीं देना चाहता था क्योंकि मैंने चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत किया था। मैं इसका विरोध करते हुए नहीं दिखना चाहता था। दूसरा, चुनावों की घोषणा होने पर निर्वाचित मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों पर हमला भारतीय लोकतंत्र और हमारे द्वारा बनाए गए महान संस्थानों पर हमला है।"

भाजपा नेताओं को दी पूर्व प्रधानमंत्री अटल के रास्ते पर चलने की नसीहत :

शहीद ने अपने आखरी ट्वीट में एक वीडियो पोस्ट किया जिसमे उन्होंने भाजपा नेताओं को देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के संस्थापकों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के जैसे राजधर्म पालन करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मै तो भाजपा के नेताओं से भी अपील करूँगा ईमादारी के साथ की उन्हें भी अटल जी के रास्ते पर चलना चाहिए और राजधर्म का पालन करना चाहिए... क्योंकि जिस तरह विपक्ष के नेताओं के खिलाफ एड़ी की छापेमारी हो रही है वह राजधर्म के खिलाफ है। मै भाजपा के उन नेताओं से आवाज़ उठाने की अपील करता हु जो अटल जी और भाजपा की राजनीति को समझते है।"

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