Ram Navami पर रामलला का सूर्य तिलक Raj Express
उत्तर प्रदेश

Ram Navami पर रामलला का सूर्य तिलक, तीन मिनट तक भगवान के माथे पर चमकी किरणें

Ram Navami पर रामलला का सूर्य तिलक : सूर्य तिलक के बाद मंदिर में आरती की गई और फिर मंदिर के पट कुछ देर के लिए बंद कर दिए गए।

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • राम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे लाखों श्रद्धालु।

  • IIT रुड़की ने तैयार किया था यह सिस्टम।

Ram Navami पर रामलला का सूर्य तिलक : अयोध्या। रामनवमी के अवसर पर Ayodhya Ram Mandir में अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया। रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें करीब तीन मिनट तक चमकी। यह समय श्री राम के जन्म का समय माना जा रहा है। वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग कर सूर्य की किरणें ठीक रामलला के मस्तक तक लाने का इंतजाम किया गया था। सूर्य तिलक के बाद मंदिर में आरती की गई और फिर मंदिर के पट कुछ देर के लिए बंद कर दिए गए।

बता दें कि, राम नवमी के अवसर पर रामलला भक्तों को रात 11 बजे तक दर्शन देंगे। राम नवमी के चलते मंदिर के कपाट सुबह 3 :30 बजे खोले दिए गए थे। आम दिनों में कपाट 6 :30 बजे तक खोले जाते हैं। सूर्य तिलक से पहले जगद्गुरु राघवचार्य द्वारा रामलला का 51 कलश से अभिषेक भी किया गया था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''इस साल की नवमी बहुत महत्वपूर्ण दिन है। अयोध्या धाम में हर कोई उत्साह से भरा हुआ है। लगभग 500 वर्षों के बाद भगवान राम के जन्मोत्सव का कार्यक्रम उनके पवित्र जन्मस्थान पर उत्साह और उमंग के साथ आयोजित किया जा रहा है। रामनवमी के शुभ अवसर पर, मैं राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य 'सूर्य तिलक' आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है। जय जय श्री राम!"

IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया सिस्टम :

राम नवमी के अवसर पर रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण लाने के लिए IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRBI) ने एक सिस्टम बनाया था। दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे रिफ्लेक्टर पर पड़ीं। रिफ्लेक्टर से किरणें पहले दर्पण और फिर लेंस पर गई। इसके बाद एक पाइप के जरिए किरण दो और लेंस से गुजरी। मंदिर के भीतर रामलला के सामने एक और दर्पण रखा हुआ था। पाइप से गुजरकर सूर्य की किरणें इस दर्पण पर पड़ीं। यह दर्पण 60 डिग्री एंगल में लगा था। दर्पण पर पड़ने के बाद, सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर चमकी।

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