Ram Mandir Pran Pratishtha Live Raj Express
उत्तर प्रदेश

Ram Mandir Pran Pratishtha Live : अयोध्या भव्य मंदिर में विराजे रामलला, विश्व में सनातन की बढ़ी प्रतिष्ठा

Ram Mandir Pran Pratishtha : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह सिर्फ देव मंदिर नहीं बल्कि राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।

gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • प्रधानमंत्री मोदी ने की राम मंदिर में श्री रामलला सरकार की आरती।

  • गोविन्द देव महाराज के हाथों पीएम ने खोला 11 दिन का उपवास।

  • साधु - संतों ने किया मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद।

अयोध्या, उत्तरप्रदेश। रामलला अयोध्या में बने भव्य मंदिर में विराज गए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होते ही भारत समेत पूरे विश्व में सनातन की प्रतिष्ठा और बढ़ गई। 500 वर्षों के इन्तजार के बाद अयोध्या में यह मंदिर बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथों में कमल लिए भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की। पीएम मोदी ने इस अवसर पर ने कहा कि, ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था, आधार, विचार, विधान, चेतना, चिंतन और प्रतिष्ठा हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण का कार्य करने वाले कारीगरों पर पुष्पवर्षा भी की।

राम मंदिर जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सोमवार को 12 :05 मिनट पर शुरू हुआ। गर्भ गृह में प्रधानमंत्री मोदी समेत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सरसंघचालक मोहन भागवत मौजूद थे। 12:55 बजे प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने सभी साधु - संतों को धन्यवाद किया। इस समारोह में मुकेश अम्बानी से लेकर अमिताभ बच्चन और रजनीकांत भी मौजूद थे।

हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सियावर रामचंद्र की जय, हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद राम आ गए हैं। इस अवसर पर सभी को बधाई। मैं गर्भ गृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हूँ। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। मेरा विश्वास है जो हुआ है इसकी अनुभूति सभी राम भक्तों को हो रही होगी। यह शान पवित्र, अलौकिक और भव्य है। 22 जनवरी 2024 मात्र एक तारीख नहीं बल्कि यह नए कालचक्र का उद्गम है।'

'राम मंदिर भूमि पूजन के बाद देश में उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। सदियों बाद यह धरोहर मिली है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र, नव इतिहास का सृजन करता है। हजारों साल बाद लोग आज के इस दिन की शान की चर्चा करेंगे। जहाँ राम होते हैं वहां हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। मैं सभी देवी देवताओं को नमन करता हूँ। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूँ।'

सदियों का इंतजार अब ख़त्म हुआ - पीएम मोदी

राम मंदिर मानवीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा है। सर्वे भवन्तु सुखिनः। यह सिर्फ देव मंदिर नहीं बल्कि राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। राम प्रवाह है, प्रभाव है, नीति, निरंतर, व्यापक हैं। इसका प्रभाव वर्षों तक नहीं बल्कि हजारों वर्षों तक होगा। सदियों का इंतजार अब ख़त्म हुआ है। काल चक्र का परिवर्तन हुआ है। हजारों वर्षों की पीढ़ी हमें याद करेगी। यही समय है हमें एक हजार साल की नींव रखनी है।

राम मंदिर शांति स्थापना का प्रतीक - प्रधानमंत्री

यह अवसर सिर्फ विजय नहीं विनय का भी समय है। हमने देखा है कि, विश्व के देश अपने इतिहास की गाँठ में उलझ कर रह जाते हैं। जब भी इन गाँठों को खोलने का प्रयास किया जाता है, पहले से भी मुश्किल परिस्थिति बन जाती है। हमारे देश ने बड़ी समझदारी और सूझ बूझ से इस गाँठ को खोला है कुछ लोग कहते थे कि, राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। लेकिन राम मंदिर शांति स्थापना का प्रतीक है। यह क्षण लोगों के लिए उज्जवल भविष्य को लेकर आया है। मैं ऐसे लोगों को पुनः विचार करने के लिए आवाहन करता हूँ। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं बल्कि सभी के हैं। राम वर्तमानी नहीं बल्कि अनंत हैं।

सागर से सरयू तक राम नाम का उत्सव छाया - पीएम नरेंद्र मोदी

मैं राम सेतु के प्रारम्भ बिंदु पर था। मैंने वहां पुष्पवंदना की। मेरे भीतर विश्वास जगा कि, जैसे उस समय कालपरिवर्तन हुआ था अब भी काल परिवर्तन हुआ है। सागर से सरयू तक राम नाम का उत्सव छाया हुआ है। प्रभु राम भारत के कण कण में है। राम को परिभाषित करते हुए ऋषियों ने कहा है कि, जिसमें रम जाए वही राम है। राम सर्वत्र समाये हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। राम कथा असीम और रामायण अनंत है। राम मूल्य और राम की शिक्षा सभी जगह एक समान है।

भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान - पीएम

मैं माफ़ी भी माँगता हूँ क्योंकि, हमारी तपस्या में कुछ तो कमी रही होगी कि, हम सदियों तक मंदिर का निर्माण नहीं कर पाए। मुझे विश्वास है श्री राम मुझे जरुर माफ़ करेंगे। अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान है इसके बावजूद दशकों तक राम के अस्तित्व पर प्रश्न उठाया गया। मैं न्यायपालिका का धन्यवाद करता हूँ कि, उन्होंने न्याय की लाज रख ली। आज देश के कोने - कोने में दीपावली मनाई जा रही है।

आनंद का जो अनुभव हो रहा है उसका कोई वर्णन नहीं - मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, रामलला के साथ भारत का 'स्व' लौटकर आया है। ऐसे समय में आनंद का जो अनुभव हो रहा है उसका कोई वर्णन नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री के बारे में कहूंगा कि, वो शुरू से ही तपस्वी हैं, लेकिन वो तो तपस्या कर रहे हैं हम क्या कर रहे हैं...श्री राम अयोध्या से गए क्योंकि यहाँ कलह हुआ था। जब 14 वर्ष के लिए गए तो विश्व का कलह मिटाकर आये, क्योंकि अयोध्या का मतलब है जहाँ युद्ध न हो। हम भी इस भारतवर्ष की संतान है। हमें भी सभी कलह को विदाई देनी होगी। छोटे - छोटे कलह के लिए लड़ाई करनी छोड़नी होगी। काम और आचरण होना चाहिए, अहंकार नहीं। गाँधी जी कहते थे, विश्व में सभी की जरूरतों के लिए तो है लेकिन लालच के लिए नहीं। हमे भी इसका पालन करना होगा। 500 वर्षों तक कई पीढ़ियों ने संघर्ष कर यह दिन राष्ट्र को उपलब्ध कराया है उन सभी को धन्यवाद।

मंदिर वहीं बना जहाँ बनाने का लिया था संकल्प - उत्तर प्रदेश सीएम योगी

सभी को कोटि - कोटि बधाई। आज भावनाएं ऐसी हैं जिन्हे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। यहाँ उपस्थित सभी लोग यही भाव महसूस कर रहे होंगे। अयोध्या का हर मार्ग अब राम मंदिर को आता है। राम जन्म भूमि विश्व का पहला ऐसा प्रकरण होगा जहाँ बहुसंख्यक वर्ग ने वर्षों तक अलग - अलग स्तर पर लड़ाई लड़ी हो। यह मंदिर वहीँ बना है जहाँ संकल्प लिया गया था। संकल्प की पूर्णता के लिए प्रधानमंत्री का आभार।

नई अयोध्या में पुरातन संस्कति का संरक्षण - सीएम योगी आदित्यनाथ

राम जन्मभूमि सुनियोजित रूप से उपेक्षित की गई। धर्मनगरी अब इतने इन्तजार के बाद विकसित हुई है। कुछ वर्ष पहले यह अकल्पनीय था कि, यहाँ एयरपोर्ट और 4 - लेन रोड हो सकता है। नई अयोध्या में पुरातन संस्कति का संरक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही नवीन तकनीक का भी यहाँ उपयोग किया जा रहा है। अयोध्या नए भारत की संस्कृति की पहचान बन रही हैं। राम जन्मभूमि की स्थापना राष्ट्रीय गौरव का अवसर है। अब अयोध्या की गलियों में गोली और कर्फ्यू नहीं बल्कि दीपोत्सव, रामोत्सव होगा।

प्रधानमंत्री को देख मुझे याद आते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज - गोविन्द देव महाराज

भावुक होकर गोविन्द देव महाराज ने कहा कि, इस प्रकार का परिवर्तन लाने के लिए जीवन को साधना पड़ता है। युग और सनातन की आवश्यकता के रूप में हमें पीएम मोदी प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री के मंगल हाथों से प्राण प्रतिष्ठा हुई और यह होना ही था। प्रधानमंत्री ने मुझसे इस अनुष्ठान से पहले नियमावली लिखकर देने को कही... जिस प्रकार का राजनीतिक माहौल है कोई भी आकर कुछ भी कर जाता है लेकिन कर्मणा मनसा वाचा को निभाते हुए प्रधानमंत्री ने खुद को सिद्ध किया। मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि, हमने केवल 3 दिन के उपवास की बात कही थी उन्होंने 11 दिन अन्न का त्याग किया। मुझे ये देखते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज याद आते हैं। इसके बाद गोविन्द देव महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 11 दिन का उपवास खुलवाया।

गोविन्द देव महाराज के हाथों प्रधानमंत्री ने खोला उपवास

चांदी का छत्र लेकर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पारंपरिक परिधान में अयोध्या पहुंचे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी रामलला के लिए चांदी का छत्र लेकर पहुंचे थे। उन्होंने सिंहद्वारा से मंदिर में प्रवेश किया। मंदिर में 5 मंडप को पार करते हुए प्रधानमंत्री गर्भ गृह में पहुंचे थे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्होंने चांदी का छत्र रामलला सरकार को अर्पित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी का छत्र लेकर पहुंचे राम मंदिर

प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुई रामलला की आरती :

मंदिर के गर्भगृह में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 12 :55 बजे तक संपन्न हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, सरसंघचालक मोहन भागवत और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रामलला की आरती की।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न, प्रधानमंत्री ने की श्री राम की आरती

राम मंदिर के चांदी का प्रारूप

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत को राम मंदिर का प्रारूप दिया। साधु - संतों के द्वारा सम्मान के रूप में पीएम समेत मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ को वस्त्र भेंट किये गए।

राम मंदिर के चांदी की प्रति

मधुर राम स्तुति से गूंजी अयोध्या नगरी :

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में कई मशहूर संगीतकारों ने प्रस्तुति दी। गायक सोनू निगम, शंकर महादेवन और अनुराधा पोटवाल ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामस्तुति की। सभी संगीतकारों की मधुर आवाज से सम्पूर्ण राम मंदिर परिसर राममय हो गया।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुई कई बड़ी हस्तियां :

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कई बड़ी हस्तियों को आमंत्रण दिया गया था। इस समारोह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी, रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी, अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, चिरंजीवी, राम चरण, अभिषेक बच्चन, माधुरी दीक्षित, विक्की कौशल, कैटरीना कैफ, आयुष्मान खुराना, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, कंगना रनौत समेत फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी, महावीर जैन और रोहित शेट्टी शामिल हुए।

बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती में सुशोभित रामलला

बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती में सुशोभित रामलला :

अपने महा प्रासाद में भगवान श्री रामलला जी दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से सज्ज होकर विराजमान हुए। भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके या अंगवस्त्रम में सुशोभित हुए। इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं। इन वस्त्रों का निर्माण श्री अयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र सज्जाकार मनीष त्रिपाठी द्वारा किया गया।

अयोध्या राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के बाद सैकड़ों दीयों से सरयू घाट रोशन हुआ। यहाँ शाम को लोग एकत्रित हुए और दिये जलाए।

सैकड़ों दीयों से रोशन हुआ सरयू घाट

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT