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उत्तर प्रदेश

पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित किया गया कार्यक्रम, CM योगी ने अर्पित की पुष्पांजलि

आज पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए।

Sudha Choubey

लखनऊ, भारत। आज शनिवार 11 फरवरी 2023 को पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक पार्क में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में बोले सीएम योगी:

CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, "आजादी के बाद समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के कल्याण की बात करने वाली आवाज़ एक साजिश का शिकार हुई। पं. दीनदयाल उपाध्याय वो व्यक्ति थे, जिन्होंने अंत्योदय की बात की थी। उनका अंत्योदय देश में आत्म मानव दर्शन के रूप में प्रसिद्ध हुआ, दुनिया ने उस ताकत को देखा।"

वहीं, अगर दीन दयाल उपाध्याय के बारे में बात करे, तो दीन दयाल उपाध्याय की मृत्यु उनके विचारों की तरह कम चर्चित नहीं थी। उनकी मृत्यु बहुत ही रहस्यमय परिस्थितियों में हुई, जिसके कारणों पर आज भी बहस होती है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय का शव 11 फरवरी 1968 में वाराणसी के करीब मुगलसराय जंक्शन पर लावारिस स्थिति में पाया गया था। उनकी संदिग्ध हालात में हुई मौत का रहस्य कभी सामने नहीं आ पाया।

मथुरा के नागदा में हुआ था जन्म:

बता दें कि, पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा के नागदा के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। यह स्थान आज दीनदयाल धाम के नाम से जाना जाता है। उनके मामा-मामी ने सीकर में उनका लालन पालन किया था। पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और भारतीय जनसंघ के पूर्व नेता, भारतीय जनता पार्टी के अग्रदूत थे। वह दिसंबर 1967 में जनसंघ के अध्यक्ष बने। वहीं, पीएम मोदी ने बीते दिनों आयुष्मान भारत योजना को उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को समर्पित किया था।

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