प्रयागराज, भारत। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) ने अपने निजी आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा। शनिवार को सिविल स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यहां उन्होंने कहा कि, "पूरी दुनिया में शिक्षा मौलिक अधिकार के रूप में है। वहीं अपने देश में फीस वृद्धि कर गरीबों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ऐसा करके छात्र-छात्राओं को हतोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।"
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि, "कांग्रेस के शासन काल में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर रहा करते थे। वहीं मौजूदा सरकार में गलत आर्थिक नीतियों के कारण 23 करोड़ लोग गरीबी के रेखा के नीचे वापस लौट गए हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि, "84 प्रतिशत से ज्यादा आबादी की आय घटी है। वहीं प्रमोद तिवारी ने छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि फीस वृद्धि के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को शांतिपूर्वक ढंग से चलाया जाए। संसद के सत्र के दौरान यह मामला राज्यसभा में भी उठाया जाएगा।"
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रमोद तिवारी ने लखीमपुर खीरी में अनुसूचित समुदाय की दो नाबालिक बहनों के बलात्कार और हत्या पर भी योगी सरकार को घेरने का प्रयास किया। आरोप लगाते हुए कहा कि, प्रदेश में सरकार का जलाल, इकबाल, बुल्डोजर सब सो रहे हैं और अपराधी तांडव मचा रहे हैं। प्रमोद तिवारी ने लखीमपुर की घटना को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए, पीड़ित परिवार को दो करोड़ रुपये मुआवजा और नौकरी देने की बात कही।
ये नेता रहे मौजूद:
इस दौरान अरुण तिवारी, सुरेश यादव, प्रदीप मिश्रा, विजय प्रकाश, सुधाकर तिवारी, मुकुंद तिवारी, उज्वल शुक्ला, हसीब अहमद, गौरव पाण्डेय, विवेक पाण्डेय, उदय यादव, सतेंद्र सिंह, मनोज पासी, राकेश पटेल समेत आदि लोग मौजूद रहें।
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