हाइलाइट्स
554वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी।
खेलने-कूदने की उम्र में गुरु गोविंद सिंह जी ने देश और धर्म को चुना।
गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह के बलिदान की कहानी हमें नई प्रेरणा देती।
Guru Nanak Jayanti 2023 : लखनऊ, उत्तर प्रदेश। ''खालसा" सिर्फ एक पंथ नहीं है, यह आस्था और देश की रक्षा के लिए गुरुओं के आशीर्वाद से निकली एक ज्योति है, जिसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी आक्रांताओं को झुकाया। सिख पंथ की स्थापना ही मुगल सल्तनत के पतन का कारण बनी। यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में 554वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में कही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के आशियाना गुरुद्वारे में श्री गुरु नानक देव के 554वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, मुगल पूरे देश में फैले हुए थे लेकिन मुगल साम्राज्य कहीं नजर नहीं आता। आज सिख पूरे विश्व में फैले हुए हैं। खेलने-कूदने की उम्र में गुरु गोविंद सिंह जी के 4 'साहिबजादे' ने सरहिंद, देश और धर्म के लिए कार्य किया। औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम कबूल करवाकर झुकाने की कोशिश की लेकिन दो छोटे बेटों ने जीवित दीवार में चुनवाना स्वीकार कर लिया मगर इस्लाम क़ुबूल नहीं किया। अन्य दो बेटे, साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह ने युद्ध के मैदान में अपनी जान गंवा दी, लेकिन दुश्मन के सामने नहीं झुके।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, सिख धर्म पूजा-पाठ के गहन ज्ञान से भरा है गुरु नानक देव जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया और इसे धार्मिक जागरूकता के कार्यक्रमों से जोड़ा ये कार्यक्रम आगे बढ़े और परिणामस्वरूप देश और धर्म की रक्षा हुई। गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह और उनके 4 'साहिबजादे' के साथ-साथ हजारों सिखों के बलिदान की कहानी देश को एक नई प्रेरणा देती है।
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