उत्तर प्रदेश, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर है। यहां पहुंचने के बाद वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे, यहां उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निरीक्षण किया।
वन वर्ल्ड टीबी समिट :
इस दौरान 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया वन वर्ल्ड टीबी समिट को संबोधित कर कहा, भारत में सालाना 24 लाख टीबी के केस पाए जाते हैं। इनकी जिंदगियों को बचाने का प्रयास करते हुए 2018 में PM मोदी ने देश और दुनिया के सामने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने की प्रतिबद्धता रखी थी।जबकि पूरे विश्व ने 2030 का लक्ष्य रखा था। टीबी के मरीजों की जिंदगियों को बचाने का प्रयास करते हुए 2018 में PM मोदी ने देश और दुनिया के सामने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने की प्रतिबद्धता रखी थी. जबकि पूरे विश्व ने 2030 का लक्ष्य रखा था।
PM मोदी के आगमन पर CM योगी का ट्वीट-
वन वर्ल्ड टीबी समिट-2023 का शुभारम्भ :
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनपद वाराणसी में 'वन वर्ल्ड टीबी समिट-2023' का शुभारम्भ करने के साथ ही राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला, वाराणसी शाखा का शिलान्यास किया। PM मोदी ने 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' में बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की। इसके बाद अपने संबोधन में कहा- मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' काशी में हो रही है। सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं। काशी नगरी शाश्वत धरा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है, TB जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।
एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब 'वसुधैव कुटुंबकम्' यानी- 'Whole world is one family' की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को integrated vision दे रहा है, integrated solutions दे रहा है। इसलिए ही प्रेसिडेंट के तौर पर भारत ने G-20 समिट की भी थीम रखी है- 'One world, one family, one future'! ये थीम एक परिवार के रूप में पूरे विश्व के साझा भविष्य का संकल्प है। 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है। जैसे, जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल और अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया और योग जैसे अभियान।
कोई भी TB मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया। TB के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। TB की मुफ्त जांच के लिए हमने देशभर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है।
TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People’s Participation, जनभागीदारी। हमने 'TB मुक्त भारत' के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से 'नि-क्षय मित्र' बनने का आह्वान किया था। इस अभियान के बाद करीब-करीब 10 लाख TB मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने Adopt किया है, गोद लिया है।
भारत अब वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। TB खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट वर्ष 2030 है लेकिन भारत वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। आज भारत में TB के मरीजों की संख्या कम हो रही है। कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर को TB मुक्त अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मैं इस सफलता को प्राप्त करने वाले लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
आज का 'नया भारत' अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जाना जाता है। भारत ने open defecation का संकल्प लिया और उसे प्राप्त करके दिखाया। भारत ने सोलर पावर जनरेशन कैपेसिटी का लक्ष्य भी समय से पूरा करके दिखा दिया। भारत ने पेट्रोल में तय प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी समय से पहले पूरा करके दिखाया है।
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