एनयूजेआई फेक न्यूज़ और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।
दिल्ली में देश भर के पत्रकार पत्रकारिता की साख बचाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी करेंगे।
पत्रकार सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं यह वाकई गहरी चिंता का विषय है।
जयपुर, राजस्थान। नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट इंडिया (एनयूजेआई) ने ऐलान किया है कि वह फेक न्यूज़ और फर्जी पत्रकारों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी। यह ऐलान एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने जयपुर स्थित निम्स सभागार में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन पर किया। उन्होंने कहा कि इसी आंदोलन के साथ छोटे और मध्यम अखबारों की आर्थिक सहायता बढ़ाने के लिए भी सरकार से आग्रह किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एनयूजेआई का आंदोलन किसी सरकार के खिलाफ नहीं है, यह आंदोलन पत्रकारिता और पत्रकार के संरक्षण, सुरक्षा, पत्रकार की आजीविका, स्वास्थ्य और उसके परिवार के यथोचित जीवन यापन के नीति निर्धारण को लेकर होगा ताकि पत्रकारिता की साख बरकरार रहे। रास बिहारी ने कहा कि आज पत्रकार अपने बच्चों को पत्रकार नहीं बनना चाहता। इससे समझा जा सकता है कि पत्रकारिता क्षेत्र की साख कितनी रही है और यह भी सही है कि इसे बचाने के लिए मौजूदा पीढ़ी के पत्रकारों को ही आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में देश भर के पत्रकार पत्रकारिता की साख बचाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी करेंगे। इन सभी प्रयासों में सभी पत्रकार संगठनों को साथ रहने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र के मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में स्वयं को मेजबान बताते हुए देश भर के 22 राज्यों से आए 1300 से अधिक पत्रकारों का स्वागत किया और कहा कि 90 के दशक में जब ऐसा अधिवेशन जयपुर में हुआ था तब वे छात्र संगठन के साथ जुड़े थे और कुर्सियां लगाई थी, आज इसी संगठन के तत्वावधान में हो रहे कार्यक्रम में वह मंच पर हैं। उन्होंने इसे पत्रकारों की कलम की ताकत बताते हुए कहा कि वे स्वयं उदाहरण हैं कि कुर्सी लगाने वाले को आज उसी मंच की कुर्सी पर बैठाया गया है।
उन्होंने कहा कि खेत में किसान का पसीना गिरता है तभी फसल लहराती है, सीमा पर जवान का शौर्य दमकता है तब देश सुरक्षित रहता है, नींव में श्रमिक का पसीना गिरता है तब बुनियाद मजबूत होती है, उसी तरह सच्चे और निर्भीक पत्रकार की कलम की स्याही जब कागज पर उभरती है, तब लोकतंत्र मजबूत होता है।
पूनियां ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद भी पत्रकार सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं यह वाकई गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शौर्य की धरती राजस्थान से किए गए एन यू जे आई के शंखनाद में उनका पूरा सहयोग रहेगा। सच्ची और निर्भीक पत्रकारिता के लिए वे सदैव साथ खड़े नजर आएंगे। पत्रकार सुरक्षा के मुद्दे पर वे सदैव पत्रकारों के साथ हैं उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं को लेकर भी वे सहमत है और इसके निराकरण में भी वे सहयोग की भूमिका में रहेंगे। पूनियां ने भी सवाल उठाया कि जिस तरह आज सोशल मीडिया का बोलबाला बढ़ गया है, अपुष्ट सूचनाओं की बाढ़ सी आ जाती है, इन परिस्थितियों में सही और गलत पत्रकार की पहचान मुश्किल का काम है, इस जद्दोजहद का रास्ता ढूंढने की आवश्यकता है।
समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि निम्स के निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने देश पर से आए पत्रकारों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पत्रकार जागरूकता का पर्याय है, गरीब की दबी हुई आवाज को मुखर करने वाली कलम है, पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए निस्वार्थ संघर्ष करने वाली ऊर्जा है। उन्होंने कहा कि कई लोगों का व्यक्तित्व स्वतः ही पत्रकारिता के गुणों वाला होता है। उन्होंने मलाला यूसुफजई का जिक्र करते हुए कहा कि बालपन में ही दहशतगर्दों से ना डरना भी एक तरह से उसका पत्रकारिता का गुण कहा जा सकता है ऐसे व्यक्तित्व वाले ही आगे चलकर समाज में बदलाव का बिगुल बजाते हैं। उन्होंने कहा कि निर्भीक पत्रकारिता के लिए वह हर संभव सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे।
समापन समारोह से पूर्व जार की जयपुर ग्रामीण इकाई के रामजीलाल शर्मा व जगदीश शर्मा द्वारा ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं को लेकर दिए गए प्रस्तावों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों के अधिस्वीकरण की राह भी आसान होनी ही चाहिए। हर पत्रकार और उसके परिवार के स्वास्थ्य व शिक्षा को लेकर सरकार को बेहतर योजना पर विचार करना चाहिए। रास बिहारी ने यह भी कहा कि संगठन ने अब यह निर्णय किया है कि संख्या पर नहीं गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा, संगठन अब संख्या बल पर नहीं बल्कि निर्भीक और प्रभावी व्यक्तित्व वाले पत्रकारों पर फोकस करेगा। समापन सत्र में प्रेस काउंसिल इंडिया के सदस्य प्रज्ञानानंद चौधरी ने भी विचार रखे और कहा कि पत्रकार सुरक्षा के लिए सभी पत्रकारों को एकजुट होना होगा। एनयूजेआई के पूर्व महासचिव प्रसन्न मोहंती ने राजस्थान में भी अधिस्वीकरण कमेटी में वरिष्ठ पत्रकारों के पैनल की आवश्यकता पर बल दिया, साथ ही राजस्थान सरकार से यह आग्रह किया कि पत्रकारों की आकस्मिक सहायता के लिए कम से कम 10 लख रुपये का अनुदान निर्धारित करे। एनयूजेआई के राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप तिवारी ने जार राजस्थान की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर आभार जताया।
राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान जयपुर के आश्रय केयर होम की छात्रों ने अतिथियों को तिलक लगाया तथा रक्षा सूत्र बांधे। आश्रय केयर होम के संस्थापक आनंद कुमार डालमिया व बीना डालमिया ने बताया कि आश्रय ऐसी बालिकाओं को आश्रय देता है जिनका इस दुनिया में कोई भी नहीं रहा हो।
जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ राजस्थान जार की मेजबानी में इस वर्ष जयपुर में आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन के संयोजक व जार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा, पूर्व प्रदेश महासचिव संजय सैनी व अन्य पदाधिकारियों ने एनयूजेआई के पदाधिकारियों सहित देश भर से आए पत्रकार साथियों को जार राजस्थान की ओर से स्मृति चिह्न प्रदान कर अभिनन्दन किया।
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