मजदूरों की मौत पर राजनीति की बजाय दोषियों को दंडित करे सरकार:मायावती Social Media
उत्तर प्रदेश

मजदूरों की मौत पर राजनीति की बजाय दोषियों को दंडित करे सरकार:मायावती

उत्तर प्रदेश में हुये सड़क हादसे मारे गए 24 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताते हुये मायावती ने मुख्यमंत्री योगी से लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

Author : राज एक्सप्रेस

राजएक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार तड़के हुये सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशों के बावजूद गरीब लाचार तबके के प्रति लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिये।

सुश्री मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में करोड़ों गरीब, लाचार व असहाय प्रवासी मजदूरों के मजबूरी के पलायन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि उनके जान-माल और हितों की रक्षा पूरी तत्परता एवं ईमानदारी से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केन्द्र एवं बीजेपी के अलावा कांग्रेस-शासित राज्यों को भी करनी चाहिए। ये लोग देश में फैले कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में हर मामले में और हर स्तर पर सबसे ज्यादा दु:खी पीड़ित, परेशान हैं। केन्द्र और खासकर राज्य सरकारों द्वारा उनकी की गई उपेक्षा की वजह से, ये लोग अपने-अपने मूल राज्यों में जैसे-तैसे करके वापिस लौट रहे हैं, जिनके साथ, अभी तक, कई दुर्घटनायें भी हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन कोरोना की महामारी से बचने के लिए लगाया गया था लेकिन इससे सबसे ज्यादा दु:खी व पीड़ित जो नजर आ रहे हैं वे करोड़ों प्रवासी मजदूर लोग हैं। उन्होंने रोजी-रोटी के लिए अपने राज्यों को छोड़कर देश के दूसरे बड़े राज्यों के शहरों व कस्बों में मजबूरी में पलायन किया। दु:ख की बात यह है कि जब उन राज्यों की सरकारों ने वहाँ इनके ठहरहने व खाने आदि की सही व्यवस्था नहीं की तो तब इन्हें वापस अपने मूल राज्यों में लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

ऐसे लोगों को उनके मूल राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था केन्द्र व राज्य सरकारों को करनी चाहिए थी, जो कि नहीं की गईं। बसपा बार-बार केन्द्र और राज्य सरकारों से इस सम्बंध में माँग करती रही कि उन्हें उनके मूल राज्यों में भेजने की उचित व्यव्स्था की जाए, लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारें कहती तो रहीं मगर वैसा किया नहीं और फिर लम्बे इंतजार के बाद प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों को बड़ी मजबूरी में जैसे-तैसे अपनी-अपनी व्यवस्था करके जान को जोखिम में डालकर अपने परिवारों के साथ धर लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में कुछ श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं, लेकिन उसमें भी लोग आरोप लगा रहे हैं कि वह मुफ्त होने के बजाए उनसे पैसा लिया जा रहा है। बीच में दलाल आदि भी सक्रिय हो गए हैं जबकि मजदूरों के पास पैसा नहीं है तो वे टिकट कहाँ से खरीदेगें। इसलिए पैदल जाना उनकी मजबूरी है और इस दौरान देश भर में हुए हादसों में अनेकों मौतें हुई हैं।

उन्होंने कहा कि दु:ख की बात है कि यूपी के सीएम ने कल ही मीडिया में बयान दिया कि उनके राज्य की सीमा के भीतर हर प्रवासी श्रमिकों/मजदूरों की सुरक्षा, उनके रहने, खाने व उन्हें सुरक्षित घरों को भेजने आदि की व्यवस्था उनके सरकारी अधिकारियों द्वारा की जाएगी, जिसका खूब प्रचार-प्रसार भी किया गया। लेकिन दु:ख की बात है कि उनके दिशा-निर्देशों को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिस कारण ही आज तड़के औरैया की भीषण सड़क दुर्घटना घटी और लगभग 24 लोगों की जान चली गई, जिनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है।

सुश्री मायावती ने कहा ''मेरी यूपी सरकार से मांग की है कि जिन अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी सही नहीं निभाई है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए तथा पीड़ित परिवारों व घायलों को पूरी आर्थिक मदद करने के साथ ही मृतकों को उनके परिवारजनों तक घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करे। यदि सीएम के दिशा-निर्देश पर सरकारी अधिकारी उन प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा व खाने-पीने की उचित व्यवस्था किये होते तो वे लोग चाय पीने दुकान पर क्यों रुकतेे और उनकी क्यों मौत होती।

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने व इसकी आड़ में घिनौनी राजनीति करने के बजाए, प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों को भेजने के मामले में पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अमल करें जो कि नहीं हो रहा है। कभी कांग्रेस, बीजेपी पर आरोप लगा रही है तो कभी बीजेपी, कांग्रेस पर। यह सब ठीक नहीं हो रहा है। पलायन हर राज्य से हो रहा है तथा जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहाँ की उचित व्यवस्था इन्हें कर लेनी चाहिए थी।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वैसे भी पलायन की ताजा तस्वीरें आ रहीं हैं कि पंजाब व हरियाणा के काफी गरीब व मजलूम प्रवासी मजदूर लोग सहारनपुर में यमुना नदी को भी पार करके अपने राज्यों को लौट रहे हैं। जो कतई भी उचित नहीं हैं और इसे वहां कि सरकारों को भी जरूर देखना चाहिये था।

उन्होने कहा ''मैं समझती हूं कि केन्द्र, व राज्य सरकारों एवं रेलवे को भी श्रमिकों के नाम पर घिनौनी राजनीति करने के बजाए पूरी गंभीरता से मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचवाने की व्यवस्था में लगना चाहिए। यूपी के सीएम भी अपने दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करायें तथा साथ ही केन्द्र सरकार से भी यही कहना है कि अभी हाल ही में पीएम ने जो स्पेशल आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, जिसकी विस्तार से जानकारी केन्द्रीय वित्त मंत्री पिछले कई दिनों से मीडिया को दे रही हैं, उसका हमारी पार्टी स्वागत करती है, लेकिन सही मायने में लोगों तक पहुंचनी चाहिए। केवल पेपरबाजी से व दिशा-निर्देश आदि जारी करने से काम चलने वाला नहीं है।"

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सम्बंध में मजदूरों से भी मेरा कहना है कि वे पैदल ना चलें। ट्रकों आदि पर ना चलें बल्कि सरकार की तरफ से बसों व रेल आदि की सही व्यवस्था का इंतजार करें। वे जहां भी रहते हैं वहां की पास की रेल स्टेशनों पर जाए ताकि सरकार उनकी घर वापसी की उचित व्यवस्था करने को मजबूर हों।

उन्होंने कहा ''विभिन्न राजनीतिक दलों से भी मेरी अपील है कि वे दलगत राजनीति से उपर उठकर काम करें। बेसहारा व लाचार प्रवासी मजदूरों की हर प्रकार से सहायता करें। अभी तो हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन मेरी अपील पर हमारी पार्टी के सामर्थ्यवान लोग इनकी मदद को काफी आगे आयें हैं, परन्तु उनकी भी अपनी सीमायें है। जितना उन्हें करना है वे उतना जरूर कर रहे हैं।"

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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