वाराणसी, उत्तर प्रदेश। वाराणसी में गुरुवार को महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। 'हर-हर महादेव' के जयकारे से यह प्राचीन धार्मिक नगरी शिवमय हो गयी। लाखों भक्तों ने गंगा स्नान के बाद बाबा भोले की पूजा-अर्चना की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शिव भक्तों की संभावित भीड़ के मद्देनजर यातायात एवं सुरक्षा के समुचित इंतजामों के बीच लाखों लोगों ने विभिन्न शिवालयों में दर्शन-पूजन किया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, रामेश्वर मंदिर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कैथी के मारकंडेय मंदिर समेत बाबा भोले के कई पूजा स्थलों पर भोर से ही लोगों की कतारें लग गई थीं। इसमें से कई मंदिरों के बाहर देर शाम तक हजारों लोग अपनी बारी आने के इंतजार में खड़े दिखे।
कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच श्रद्धालुओं के संभावित सैलाब के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह में आम भक्तों के आने-जाने की इजाजत नहीं दी गई। भक्तों के लिए झांकी दर्शन की बेहतरीन व्यवस्था की गई। मंदिर के चारों द्वार पर पीतल के बड़े आकार के पात्रों में दूध, जल, बेलपत्र समेत अन्य पूजन सामग्री बाबा को अर्पित कर लोगों पूजा की। श्रद्धालुओं की भीड़ एवं उनकी आस्था कोरोना के सरकारी दिशानिर्देशों पर भारी नजर आयी। हालांकि, मंदिर परिसरों में कई एहतियात बरते गये। श्रद्धालुओं से भी नियमों का पालन कराने की कोशिशें की गईं।
बाबा भोले की नगरी में गंगा किनारे ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र घाट, शितला घाट एवं मणिकर्णिका घाटों पर दूर-दराज के हजारों शिव भक्तों का बुधवार रात से आने का सिलसिला शुरू हो गया था। घाट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक के मध्य 'हर-हर महादेव' के गगनभेदी जयकारे के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। सैकड़ों लोग बुधवार रात में ही सुरक्षा के लिए बने लकड़ी के बैरिकेड के बीच कतारों में अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर में दर्शन-पूजन देखने के लिए सजीव प्रसारण की व्यवस्था की गई। कई जगहों पर बड़े आकार की एलसीडी स्क्रीन लगायी गईं।
शिवालय परिसरों एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में सादे पोशाक में भी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये। गंगा में जल पुलिस की ओर से सुरक्षा निगरानी की गई। स्थानीय पुलिस कर्मियों के अलावा पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को जगह-जगह तैनात किया गया है। गंगा स्नान के एहतियातन एनडीआरएफ के जवान तैनात रहे। सीसीटीवी कैमरों से भी सुरक्षा निगरानी की व्यवस्था की गई।
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