CM योगी  Raj Express
उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में CM योगी ने विद्यालयों के स्मार्ट क्लास, ICT लैब का लोकार्पण व शिक्षकों को टैबलेट किए वितरित

Priyanka Sahu

हाइलाइट्स :

  • CM योगी ने गोरखपुर मंडल के 1,086 परिषदीय विद्यालयों के स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया

  • CM योगी ने 64 ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में आई.सी.टी. लैब का लोकार्पण किया

  • 14,360 शिक्षकों को टैबलेट व 1,207 दिव्यांग बच्चों को बांटे सहायक उपकरण

उत्‍तर प्रदेश, भारत। उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर में आज बुधवार को प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रदश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए यह बड़ी सौगात दी है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्‍होंने गोरखपुर मंडल के 1,086 परिषदीय विद्यालयों के स्मार्ट क्लास एवं 64 ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में आई.सी.टी. लैब का लोकार्पण तथा 14,360 शिक्षकों को टैबलेट एवं 1,207 दिव्यांग बच्चों को 1,980 सहायक उपकरणों का वितरण किया।

आज देश को स्मार्ट क्लास की जरुरत है :

इस मौके पर CM योगी आदित्‍यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित कर अपने संबोधन में कहा, उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अब स्मार्ट क्लास की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के स्कूल एक नया आयाम स्थापित करने जा रहे जा रहे है। कोरोना काल में शिक्षा पर बड़ा संकट आया था, बिना परिक्षा छात्रों को पास किया था। आज देश को स्मार्ट क्लास की जरुरत है, शिक्षा के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई योजनाओं पर कार्य कर रही है।

उन्‍होंने कहा कि, सभ्य समाज के बिना कोई भी राष्ट्र सशक्त नहीं हो सकता। इसके लिए वहां की शिक्षा को संस्कार युक्त बनाना पड़ेगा। व्यक्ति के अंदर आत्मानुशासन की भावना पैदा होनी चाहिए। उसके अंदर समाज और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों को अपना मुद्दा समझने का भाव पैदा होना चाहिए। इन सभी भावनाओं का अगर समावेश कराया जा सकता है, तो उसका माध्यम शिक्षा ही है।

जैसी शिक्षा होगी, वैसा चरित्र होगा। जैसा चरित्र होगा, समाज की वैसी दिशा होगी। समाज जैसे चलेगा, राष्ट्र उस दिशा में दौड़ पड़ेगा आज DBT के माध्यम से पूरी धनराशि बच्चों के अभिभावकों के खाते में जाने लगी है।
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ
  • समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण का पूरा का पूरा दारोमदार आपके परिश्रम पर टिका है। आप चाहें तो देश को नयी बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं। गुरु वशिष्ट और विश्वामित्र नहीं होते, तो क्या राम हो पाते? अगर चाणक्य नहीं होते, तो क्या चंद्रगुप्त मौर्य होते? गुरु संदीपन नहीं होते, तो क्या कृष्ण हमें मिल पाते? भारत में ऐसे ढेर सारे उदाहरण हैं।

  • अच्छे गुरुओं के मार्गदर्शन में एक बच्चे को समर्थ और सभ्य नागरिक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए देखा जा सकता है। अपने कार्यों के मूल्यांकन का तौर-तरीका होना चाहिए। अगर यह नहीं है, तो वह व्यक्ति अपने साथ धोखा कर रहा है। वह समाज और राष्ट्र के साथ भी धोखा कर रहा होगा।

  • आज समाज जिस दिशा में सोच रहा है, अगर हमने उससे दो कदम आगे बढ़कर नहीं सोचा तो हम पिछड़ जाएंगे। अगर हम खुद को समय के अनुरूप ढालने की प्रवृत्ति अपनाएंगे, तो इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। मासिक, त्रैमासिक, छह मासिक और वार्षिक स्तर पर अपने कार्यों का मूल्याकंन करें।

  • आप सबके सामूहिक प्रयास से बेसिक शिक्षा परिषद में नित नये परिवर्तन आए हैं और समय के अनुरूप खुद को ढालने की सकारात्मक प्रवृत्ति पैदा हुई है। पिछले छह वर्षों के दौरान 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है। ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत और स्कूल चलो अभियान जैसे कार्यक्रम चलाए गए हैं।

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