उत्तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सोमवार को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए और गन्ना किसानों को ट्रैक्टर की सौगात दी है। दरअसल, उन्होंने सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 ट्रैक्टर्स को हरी झंडी दिखाई और रवाना किया।
अन्नदाता किसानों को दिया जा रहा योजना का लाभ :
इस अवसर पर कार्यक्रम में गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण, संजय आर भूसरेड्डी गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव संजय और भूसरेड्डी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। तो वहीं, CM योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में अपना संबोधन भी दिया और कहा- प्रदेश में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना का लाभ 2.60 करोड़ अन्नदाता किसानों को दिया जा रहा है। योजान्तर्गत विगत साढ़े 3 वर्षों में ₹51 हजार करोड़ से अधिक राशि किसानों के बैंक खाते में पहुंचाई गई है। किसान को समय पर बीज, खाद्य, तकनीक व खेत को पानी मिले और समय पर उसकी उपज का उचित दाम मिल जाए... हमारा अन्नदाता किसान तो यही चाहता है।
उत्तर प्रदेश एक नया रिकॉर्ड भी बना रहा है... विगत 6 वर्षों में अन्नदाता किसानों के बैंक खाते में गन्ना मूल्य के भुगतान की ₹2 लाख करोड़ की राशि पहुंच गई।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
प्रदेश में 8 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर गन्ना का दायरा बढ़ा है :
आगे उन्होंने यह भी कहा कि, ''हमारे अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ का ही परिणाम है कि आज वह प्रति हेक्टेयर 10 टन अतिरिक्त गन्ना उत्पादन करने में सफल हुआ है। साथ ही, प्रदेश में 8 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर गन्ना का दायरा बढ़ा है। आज गन्ना एवं चीनी उद्योग नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आज सबसे ज्यादा ग्रीन इंधन एथेनॉल के माध्यम से देने का काम हमारी शुगर इंडस्ट्री और हमारे किसान कर रहे हैं। अब यह नहीं होगा कि, हमारा ही पैसा पेट्रोडॉलर के नाम पर बाहर जाएगा और हमारे ही खिलाफ आतंकवाद के नाम पर खर्च होगा। अब यह पैसा डीजल और पेट्रोल पर अपने यहां खर्च किया जाएगा।"
पहले किसान साहूकारों के जाल में था। आज किसान की हालत सुधरी है । 2 करोड़ 60 लाख किसानों को साढ़े 3 साल के अंदर 51000 करोड़ रुपए की सम्मान निधि दी गई। 22 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी गई।
2017 से पहले खेती घाटे का सौदा बनी थी। आज पहली बार रिकॉर्ड कायम हो रहा है कि, सरकार के 6 साल पूरे होने तक 200000 करोड़ से अधिक की राशि किसानों के गन्ना मूल्य के माध्यम से उनके खातों में जा रही है। ऐसे समय में जब पाकिस्तान भीख मांग रहा है और कोई उसे ऋण तक नहीं दे रहा तब हम डीबीटी के माध्यम से किसानों को पैसा जारी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परिणाम रहा है कि किसान 10 टन अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर में गन्ना ले रहे हैं। 800000 अतिरिक्त गन्ने का रकबा बढ़ा है। हमने कोरोना में भी मिलें चलवाईं हैं और किसानों को पैसा मिलता रहा साथ ही सैनिटाइजर 27 राज्यों को सप्लाई किया गया।
गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाया और अब आलू के बारे में भी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं। किसानों को इधर-उधर भागने की नौबत नहीं आएगी। किसानों को ऐसे यंत्र दिए जा रहे हैं जिससे पराली को आग नहीं लगानी पड़ेगी बल्कि यह मशीन काटकर फसल को ढांचे की तरह ही मिट्टी में मिला देगी।
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