लाउडस्‍पीकर विवाद के बीच इलाहाबाद HC ने याचिका खारिच कर सुनाया अहम फैसला Social Media
उत्तर प्रदेश

लाउडस्‍पीकर विवाद के बीच इलाहाबाद HC ने याचिका खारिच कर सुनाया अहम फैसला

उत्‍तर प्रदेश में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने आज अजान के लिए लाउडस्पीकर की इजाज़त वाली याचिका को खारिज कर अपना अहम फैसला सुनाया है और कहा, ये मौलिक अधिकार में नहीं आता।

Author : Priyanka Sahu

उत्तर प्रदेश, भारत। महाराष्ट्र समेत देशभर में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद थम ही नहीं रहा है और अब इस मामले को लेकर कोर्ट में भी याचिकाएं दायर हो रही है। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान को लेकर अर्जी दाखिल हुई थी, जिसपर कोर्ट ने आज शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।

लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं :

दरअसल, लाउडस्‍पीकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्‍तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से आज इस मामले में दखल देने से साफ इनकार करते हुए अपना फैसला सुनाते हुए कहा- लाउडस्पीकर से अज़ान देना मौलिक अधिकार नहीं है। अज़ान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है। इसके अलावा कोर्ट इस याचिका में की गई मांग को गलत करार दिया है।

मुतवल्ली इरफान ने दायर की थी याचिका :

बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में बदायूं के बिसौली तहसील के दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान द्वारा याचिका दायर की गई थी और इस याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था। साथ ही एसडीएम की ओर से लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाज़त वाली अर्जी को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी। इस दौरान लाउडस्पीकर को लेकर दाखिल याचिका में कहा गया था कि, ''मौलिक अधिकार के तहत लाउडस्पीकर बजाने की इजाज़त मिलनी चाहिए।''

गौरतलब है कि, महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी। तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट की जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग ना या जाए। इसके अलावा लाउडस्पीकर को ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद स्थानों पर बजाया जा सकता हैं।

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