राज एक्सप्रेस। हर साल 19 दिसंबर को देश में गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। यह दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के उस शौर्य को समर्पित है, जब उन्होंने 19 दिसंबर को 1961 को गोवा से पुर्तगाली शासन को उखाड़ फेंका था और गोवा को आजाद कराया था। देश की आजादी के 14 साल बाद भारतीय सेना के महज 36 घंटे के ऑपरेशन के जरिए गोवा से पुर्तगालियों के 450 साल के शासन का अंत हुआ। तभी से हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। तो चलिए आज हम गोवा पर पुर्तगालियों के कब्जे और उसकी मुक्ति की पूरी कहानी जानेंगे।
पुर्तगालियों ने किया कब्जा :
मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों ने गोवा पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया था। उस समय भारत पर मुगलों का राज हुआ करता था। मुगलों ने पुर्तगाली सेना को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुए। इसके बाद पुर्तगालियों ने हिन्दू तिमोजा को गोवा का प्रशासक नियुक्त किया और गोवा को पूर्व दिशा में पुर्तगाल की राजधानी बना दिया।
अंग्रेजों ने दिया धोखा :
नेपोलियन ने 1809-1815 के बीच पुर्तगाल पर कब्जा कर लिया, जिसके चलते गोवा पर भी अंग्रेजी हुकूमत स्थापित हो गई। साल 1815 से लेकर 1947 तक गोवा पर अंग्रेजों का शासन था। भारत की आजादी की दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने गोवा को भारत में मिलाने की मांग की थी, लेकिन अंग्रेजों ने इस मांग को खारिज करते हुए गोवा को पुर्तगाल को सौंप दिया।
आजादी की मांग :
भारत की आजादी से पहले ही गोवा में भी आजादी की मांग उठने लगी थी। साल 1946 में जब समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया गोवा गए थे तो पुर्तगालियों ने उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसका गोवा में भारी विरोध हुआ था, जिसके चलते पुर्तगालियों को झुकना पड़ा और वापस गोवा न आने की शर्त पर उन्हें छोड़ दिया गया।
36 घंटे में मिली आजादी :
गोवा में आजादी की मांग लगातार तेज हो रही थी। ऐसे में इस मांग का समर्थन करते हुए भारतीय सेना ने 2 दिसंबर 1961 को 'गोवा मुक्ति अभियान’ शुरू कर दिया। भारतीय वायुसेना ने पहले 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर बमबारी की। इसके बाद 18 दिसंबर को 'ऑपरेशन विजय' नाम से जमीनी सैन्य ऑपरेशन चलाया गया। यह ऑपरेशन शुरू होने के महज 36 घंटे में ही भारतीय सेना ने गोवा को पुर्तगालियों से आजाद करवा लिया। 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मेन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए। आगे चलकर 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।
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