राज एक्सप्रेस। यह साल शायद ही किसी का अच्छा बीत रहा होगा। साल 2020 में कई दिग्गज नेता अभिनेता के निधन की खबर सामने आती रही हैं। यह साल किसी के लिए भी अच्छा साबित नहीं हो रहा हैं। चाहे वो फिल्म जगत हो या राजनीतिक जगत। दरअसल, कई दिग्गज नेता- अभिनेता के बाद अब भारत के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन होने की खबर सामने आई हैं।
रामविलास पासवान का निधन :
दरअसल, गुरुवार यानी 5 जुलाई को भारत के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया। खबरों के अनुसार वह बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। जिसके इलाज के लिए उन्हें कुछ दिन पहले ही दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था और आज उनका निधन हो गया। रामविलास पासवान के निधन के बारे में जानकारी उनके बेटे चिराग पासवान ने अपने ट्वीटर अकाउंट द्वारा 8 बजकर 40 मिनट पर ट्वीट कर दी। उन्होंने उनके साथ बचपन की फोटो साझा करते हुए लिखा कि,
पापा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa...चिराग पासवान
हाल ही में हुई थी हार्ट सर्जरी :
बताते चलें, रामविलास पासवान की 2 अक्टूबर की रात हार्ट सर्जरी की गई थी। हालांकि, यह उनकी दूसरी हार्ट सर्जरी थी। इससे पहले उनकी एक महीने पहले एक बायपास सर्जरी हो चुकी थी। उस समय उनके हालचाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चिराग पासवान से उनके स्वस्थ के बारे में जानकारी ली थी।
1969 में शुरू हुआ था पासवान का राजनीतिक सफर :
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में बिहार के खगड़िया जिले में हुआ था। पासवान एक गरीब और दलित परिवार से थे। उन्होंने MA की पढाई बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी और LLB की पढाई पटना यूनिवर्सिटी से की थी। पासवान ने पहली बार साल 1969 में पहली बार बिहार के राज्यसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ा कर जीत हासिल की थी। यहीं से उनका राजनीती सफर शुरू हुआ था और वह आगे बढ़ते ही चले गए। गुरुवार को बतौर केंद्रीय मंत्री 74 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
कुछ इस प्रकार रहा पासवान का सफर :
साल 1977 में छठी लोकसभा में पासवान जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बने।
साल 1982 में लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार जीते।
साल1983 में पासवान ने दलित सेना का गठन किया
साल 1989 में नौवीं लोकसभा में तीसरी बार चुने गए।
साल 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए।
साल 2000 में पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जन शक्ति पार्टी का गठन किया। इसी साल में वह UPA सरकार से जुड़े और रसायन एवं खाद्य मंत्री और इस्पात मंत्री भी बने थे।
साल 2004 में पासवान ने लोकसभा चुनाव जीता
साल 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, वह बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी चुनाव जीते।
साल 2010 में वह बिहार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।
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