बर्लिन। जर्मनी यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बर्लिन में एक स्टेडियम में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ जोश-ओ-फरोश के साथ मुलाकात की और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत तीव्र विकास और प्रगति की आकांक्षा वाला भारत है और दृढ़ता के साथ लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए जनशक्ति और प्रौद्योगिकी शक्ति दोनों के साथ हर संभव समाधान निकालने में लगा है।
श्री मोदी ने कहा कि परिवर्तन और विकास की आकांक्षा के साथ ही भारत के लोगों ने देश में तीन दशकों की राजनैतिक अस्थिरता को बटन दबाकर समात्प कर दिया और 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी। भारत की जनता ने 2019 में सरकार को और मजबूत बनाया।
श्री मोदी ने कहा, "आज का आकांक्षी भारत, आज का युवा भारत देश का तेज विकास चाहता है। वह जानता है कि इसके लिए राजनैतिक स्थिरता और प्रबल इच्छाशक्ति की कितनी आवश्यकता है।"
उन्होंने भारतीय समुदाय को देश में डिजिटल प्रौद्योगिकी स्टार्टअप परिवेश और विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि "मैं यहां न तो अपने बारे में और न ही अपनी सरकार के बारे में आपको बताने आया हूं, बल्कि मैं आपसे करोड़ों भारतीयों की क्षमता के बारे में बात करना चाहता हूं जिसमें न केवल वहां रहने वाले लोग शामिल हैं बल्कि यहां रह रहे लोग भी शामिल हैं। मेरे शब्दों में दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले मां भारती के सभी बच्चे शामिल हैं।"
मोदी ने भारत में सस्ते इंटरनेट और डिजिटल लेन-देन में क्रांतिकारी विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि आज का युवा गांव में भी मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर अपना काम पूरा कर लेता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब अगर कोई किसी को एक रुपया भेजता है तो वह सीधा उसके खाते में पहुंच जाता है। अब पहले का दौर नहीं है जहां प्रधानमंत्री को कहना पड़े कि एक रुपये में 15 पैसे ही लोगों के खाते में पहुंचते हैं।
श्री मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बगैर लंबे समय तक सत्ता में रही इस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं आज तक नहीं समझ पाया कि वह कौनसा पंजा था जो जनता के 85 पैसे घिस लेता था।
प्रधानमंत्री ने कहा "नया भारत न केवल अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहता है बल्कि जोखिम उठाता है, निवेश करता है, इनकुबेट करता है (विचारों को मूर्त रूप देता है )। उन्होंने कहा कि देश में 2014 के आसपास 200 से 400 स्टार्टअप इकाइयां हुआ करती थीं लेकिन आज 68,000 से ज्यादा स्टार्टअप पनप और खड़े हो चुके हैं। आज इनमें दर्जनों स्टार्टअप इकाइयां युनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली इकाई) बन चुके हैं। सरकार आज नौ प्रवर्तन करने वालों के पांव में बेड़ी नहीं डालती बल्कि उन्हें प्रोत्साहित कर आगे बढ़ा रही है।"
श्री मोदी ने अनुच्छेद 370 समाप्त करने का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले देश एक था मगर संविधान दो थे। सात दशक बाद एक देश, एक संविधान को अब हमने लागू किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। मेक इन इंडिया अभियान आज आत्मनिर्भर भारत का इंजन बन गया है। देश में कारोबार की प्रक्रियाएं आसान की जा रही हैं और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन देकर निवेशकों की मदद की जा रही है।
श्री मोदी ने कहा कि उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों से देश के निर्यात पर बड़ा अच्छा असर दिख रहा है। भारत से पिछले वित्त वर्ष में माल और सेवाओं का 670 अरब डॉलर यानी करीब 50 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हुआ।
श्री मोदी ने कहा कि "मैं आपके बीच एक और विषय, जलवायु परिवर्तन की चर्चा करना चाहता हूं। भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए लोकशक्ति से लेकर प्रौद्योगिकी शक्ति तक, हर समाधान पर एक साथ काम कर रहे हैं।"
श्री मोदी ने कहा "21वीं सदी के इस तीसरे दशक की सबसे बड़ी सच्चाई है कि भारत अब वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। कोरोना काल में भारत ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाईयां भेजकर अनेकों जिंदगियों को बचाने में मदद की। भारत को कोविड वैक्सीन बनाने में सफलता मिली तो हमने सभी वैक्सीन से करीब 100 देशों की मदद की।"
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