अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बंदी सिंह (सिख राजनीतिक बंदियों) की रिहाई के मसले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा है। श्री धामी ने श्री मोदी को लिखा है कि कई सिख कैदी अब भी देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं, उम्रकैद की सजा पूरी करने के बाद सिख समुदाय उनकी रिहाई चाहता है। इसलिए एसजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल को बैठक के लिए समय दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में, एडवोकेट धामी ने नौ सिख कैदियों के नामों का उल्लेख किया है, जिन्हें लंबी सजा काटने के बाद भी रिहा नहीं किया जा रहा है। पत्र में भाई गुरदीप सिंह खेड़ा, प्रो देविंदरपाल सिंह भुल्लर, भाई बलवंत सिंह राजोआना, भाई जगतार सिंह हवारा, भाई लखविंदर सिंह लाखा, भाई गुरमीत सिंह, भाई शमशेर सिंह, भाई परमजीत सिंह भियोरा और भाई जगतार सिंह तारा के नाम शामिल हैं। इन नौ सिख कैदियों में से आठ ने 25 से 32 साल की जेल की सजा काट ली है, जबकि एक ने 17 साल की सजा काट ली है। पत्र में उस जेल के नाम का भी जिक्र है जिसमें सिख कैदी बंद हैं।
इस बीच, एडवोकेट धामी ने कहा कि एसजीपीसी सिख कैदियों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इसी क्रम में श्री मोदी को पत्र लिखा गया है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि श्री मोदी से समय मिलने पर एसजीपीसी का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य के प्रयासों के लिए भी, एसजीपीसी चर्चा कर रहा है और एसजीपीसी के सभी सदस्यों की बैठक दो सितंबर को तेजा सिंह समुंदरी हॉल में बुलाई गई है, जिसमें बंदी सिंह की रिहाई के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
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