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साइडलाइन किए जाने की बातें गलत, 2024 में एमवीए सत्ता में आई तो इस बार सीएम फेस होंगे अजित पवार

राकांपा ने 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अजित पवार को राज्य की राजनीति में बड़ी भूमिका दी गई है।

Author : Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस । शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में सांगठनिक स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। जिनके तहत शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इन बदलावों में अजित पवार को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपे जाने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी में उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है। पार्टी के अनुसार यह बात सही नहीं है। दरअसल, शरद पवार चाहते हैं कि अजित पवार ज्यादा बड़ी सियासी भूमिका निभाते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाएं। पार्टी ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी फिर सत्ता में लौटी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अच्छा प्रदर्शन किया तो इस बार अजित पवार को सीएम कैंडीडेट बनाया जाएगा।

महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाएंगे अजित पवार

राकांपा को उम्मीद है कि अजित पवार महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाएंगे और वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि 2024 के विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) एक बार फिर सत्ता में वापस लौटे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अगर एनसीपी अपने सहयोगियों कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) से अधिक सीटें हासिल करती है और एमवीए आधे रास्ते को पार कर जाती है, तो इस बार अजित पवार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाएगा।

पार्टी संगठन में सुप्रिया सुले का कद बढ़ा

हालांकि, सुले की पदोन्नति का मतलब है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं। एनसीपी में शनिवार को की गई फेरबदल पर प्रतिक्रिया करते हुए अजित पवार ने कहा, इस बदलाव से मैं नाखुश नहीं हूं। मुझे हमेशा से राज्य की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी है। अजित पवार ने कहा कि जब पार्टी प्रमुख शरद पवार ने पिछले माह पार्टी अध्यक्ष पद से हटने की इच्छा जताई थी, तब उन्होंने सुप्रिया सुले के नाम को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में प्रस्तावित किया था।

प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले सौंपी गई ये जिम्मेदारियां

प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, महिला युवा और लोकसभा समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा की जिम्मेदारी दी गई है। सुनील तटकरे को राष्ट्रीय महासचिव के अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, किसान, अल्पसंख्यक विभाग का प्रभारी बनाया गया है। नंदा शास्त्री को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष और फैसल को तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल राज्य की जिम्मेदारी दी गई है।

भविष्य की तैयारी का हिस्सा हैं हालिया बदलाव

अजित पवार ने कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि उन्हें राकांपा में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं मिला उन्हें समझना चाहिए कि पार्टी ने उन्हें विपक्ष के नेता का पद दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह महाराष्ट्र की राजनीति पर अपना ध्यान केंद्रित देंगे। उन्होंने कहा वतर्मान बदलाव, भविष्य की तैयारी का हिस्सा हैं। राकांपा में अजीत पवार, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल की भूमिका पर चर्चा हो रही । जब जिम्मेदारी देने की बात आई तो महसूस किया गया कि चूंकि पटेल और सुले संसद में हैं, इसलिए उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए अजित पवार को चूंकि राज्य की राजनीति की गहरी समझ है इस लिए उन्हें राज्य की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी को उठाने-गिराने जैसी कोई बात नहीं है।

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