उत्तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज बुधवार (18 नंवबर) को अहम फैसला सुनाया गया है, जिससे शिक्षा मित्रों को कोई राहत नहीं मिली और उनका सपना टूट गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की योगी सरकार के 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए कट-ऑफ नंबर बढ़ाकर सामान्य व आरक्षित श्रेणियों के लिए क्रमश: 65 व 60 करने का फैसला बरकरार रखा है।
शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका खारिज :
शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षामित्रों को राहत देते हुए यह भी कहा है कि, सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका और मिलेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, शिक्षामित्रों को फिर अगली भर्ती में शामिल किया जाएगा। तो वहीं, उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यूपी शिक्षा मित्र संघ की अपील ठुकराते हुए राज्य सरकार को मई में घोषित परिणामों के अनुसार 37,000 शिक्षकों की भर्ती करने को कहा है।
शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए एक आखिरी मौका दिया जाएगा और उसके तौर-तरीकों को राज्य सरकार तय करेगी।न्यायमूर्ति यू यू ललित की बेंच
चयनित अभ्यर्थियों को बधाई :
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज के अपने इस अहम फैसले में 67,867 चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी है और 15 से 20 दिन के अंदर में सरकार ने नियुक्ति पत्र देने के लिए कहा है।
बता दें कि, राज्य सरकार के कट-ऑफ बढ़ाने के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी सही ठहराया था। यूपी सरकार ने पिछले साल 7 जनवरी को अधिसूचना जारी करते हुए आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियों के लिए कट-ऑफ अंक बढ़ाकर क्रमश: 65 और 60 कर दिया था।
शिक्षामित्रों का कहना :
शिक्षामित्रों का कहना है कि, ''जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट-ऑफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए, जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए।''
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