Supreme Court fears agitating farmers to be Covid Social Media
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सुप्रीम कोर्ट को सता रहा आंदोलनकारी किसानों को कोविड होने का डर

सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में शामिल किसानों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि, किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने सरकार के सामने सात शर्तें रखी थीं। इस पर सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार हो गई थी। वहीं, सोमवार को सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 7वें दौर की बातचीत हुई। वहीं, आज जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 8 जनवरी को होने वाली आगामी बैठक में समाधान निकलने की उम्मीद जताई है। वहीं इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन में शामिल किसानों को लेकर चिंता जताई है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे केंद्र सरकार से प्रश्न :

दरअसल, देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट को किसानों को कोरोना न हो जाए इस बात का डर सता रहा है। इसलिए ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि, 'क्या किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर नियमों का पालन किया जा सकता है। हमें डर है कि, कहीं इस आंदोलन का हाल भी तबलीगी जमात जैसा न हो जाए।' बता दें, केंद्र की तरफ से इस मामले में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि, 'वहां नियमों का पालन नहीं हो रहा है।'

चीफ जस्टिस का कहना :

इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि, 'हमें नहीं पता कि, किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं। आप भीड़ को लेकर गाइडलाइन बनाइए। अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो, तबलीगी जमात की तरह दिक्कत हो सकती है। पहले तबलीगी जमा हुए फिर अब किसान जमा हो गए। मुझे नहीं पता कि, किसानों को कोविड से प्रोटेक्शन है क्या? हमें मुख्य समस्या पर बात करनी होगी। केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि, किसान आंदोलन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो।

जमातियों की याचिका की सुनवाई के दौरान जताई चिंता :

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को लेकर यह चिंता निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के जुटने की CBI जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए जताई। इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना था कि, 'मोहम्मद साद को गिरफ्तार नहीं किया गया है। केंद्र ने कहा कि वो दो हफ्ते में जवाब दाखिल करेंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कुछ समय का वक्त दे दिया है।

केंद्र सरकार की सफाई :

केंद्र सरकार ने जमातियों के जुटने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि, 'दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के जुटने की CBI जांच की जरूरत नहीं है। दिल्ली पुलिस डे टू डे बेसिस पर मामले की जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में अदालत में जांच रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो इस मामले की जांच से जुड़ी जानकारियों की सील बंद स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को तैयार है।'

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