कोरोना काल में अब तक वायरस, चक्रवाती तूफान 'अम्फान-निसर्ग' और झमाझम बारिश तो कभी तेज गर्मी जैसी समस्याओं का देश की जनता ने सामना किया है। देखा जाए तो दुनियाभर में वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में प्रकृति ने भी अपना क्रोध प्रदर्शित कर रही हैं। इन सबके चलते अब 5 जून से 3 ग्रहण लगने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कौन सी तारीख को कौन सा ग्रहण लग रहा हैं और 30 दिन में 3 ग्रहणों का संयोग विनाशकारी होगा या शुभ!
आगामी 5 जून को 'चंद्र ग्रहण' लगेगा।
इसी के 15 दिन बाद यानी 21 जून को 'सूर्य ग्रहण' लगेगा।
फिर 13 दिन बार यानी 5 जुलाई को 'चंद्र ग्रहण' लगेगा।
5 जून के चंद्रग्रहण का सूतक काल :
5 जून लगने वाला उपच्छाया ग्रहण इस वर्ष 2020 का दूसरा 'चंद्र ग्रहण' है और इसका सूतक काल ये रहेगा। इस बार चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा, चंद्र ग्रहण 5 जून को रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा, जो रात में 12 बजकर 54 मिनट के करीब सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा और 6 जून को रात 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा, हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
21 जून के सूर्य ग्रहण की समय अवधि :
इस माह यानी जून में दो बार ग्रहण लग रहे हैं 5 जून के बाद 21 जून के लगने वाले 'सूर्य ग्रहण' की समय अवधि ये रहेंगी। खबरों के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 14 मिनट से 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10 बजकर 14 मिनट से आरंभ हो जाएगा।
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण :
बताया गया है कि, 5 जून को लगने वाला ग्रहण दुनियाभर के कई देशों जैसे- यूरोप, भारत सहित एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखेगा। वहीं 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रिका और दक्षिण पूर्व यूरोप में दिखाई देगा।
3 ग्रहणों का संयोग विनाशकारी या शुभ :
बता दें कि, 30 दिन में लगने वाले इन तीन ग्रहणों का संयोग अब विनाशकारी होगा या फिर शुभ, फिलहाल इस बारे में तो अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है । वहीं ये संयोग ब्रह्माण्ड में पहली बार नहीं बल्कि 58 साल पहले भी इस तरह का संयोग बन चुका है, दरअसल 58 साल पहले 1962 में भी इसी तरह का सहयोग बना था और इस दौरान यानी ग्रहण के इस संयोग के परिणाम राष्ट्रीय स्तर व अर्तराष्ट्रीय स्तर पर काफी अच्छे नहीं रहे हैं।
वर्ष 2020 में 6 ग्रहण लगे :
वहीं, अगर इस साल यानी वर्ष 2020 में कुल कितने ग्रहण लगे हैं और लगेंगे तो ये भी बता दें कि, इस बार 2020 में 4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण पड़े हैं, जिनमें से 3 ग्रहण तो अभी लगने ही वाले ही हैं और एक ग्रहण (चंद्रग्रहण) वर्ष के शुरूआत के पहले माह यानी 10 जनवरी को ही लग चुका है। जाने क्या-क्या हैं और रहेंगी ग्रहण की तारीख-
पहला 'चंद्र ग्रहण' जो 10-11 जनवरी को लग चुका है।
दूसरा 'चंद्र ग्रहण' 5 जून को लगेगा।
तीसरा ग्रहण 'सूर्य ग्रहण' 21 जून को लगेगा।
चौथा ग्रहण 'चंद्र ग्रहण' 5 जुलाई को लगेगा।
पांचवा ग्रहण 'चंद्र ग्रहण' 30 नवंबर को लगेगा।
वहीं साल का अंतिम व छठा ग्रहण 'सूर्य ग्रहण' 14 दिसंबर को लगेगा।
ग्रहण काल में न करे कोई शुभ कार्य :
ग्रहण काल के दौरान खाना-पीना नहीं चाहिए।
न ही भगवान की मूर्तियों छूना चाहिए और न ही पूजा--आरती करें, इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दें।
सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
ग्रहण काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
ग्रहण काल के सूतक से पहले ही खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए।
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