राजस्थान, भारत। अध्यापक और बच्चो का रिश्ता अब वैसा नही रहा हैं जैसे हम हमेशा अपनी पौराणिक कथाओं में सुना करते थे। हमने बचपन में सुना था और आज भी सुनते हैं की महाभारत में कैसे एकलव्य ने अपने सीधा हाथ का अंगूठा काट कर अपने गुरु द्रोणाचार्य को दे दिया था वो भी गुरु के बस एक बार कहने से। लेकिन आज वैसा नही हैं। लेकिन राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर ग्राम पंचायत के जयसिंह पूरा से एक विद्यालय का वाक्या सामने आया है।
अलवर जिले के बानसूर ग्राम पंचायत के गांव जयसिंह पुरा में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी प्रधानाचार्य श्रीमती रूपम देवी के स्थानांतरण (transfer) जानकारी मिलने पर स्कूल के गेट में ताला लगा कर स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी की ओर विद्रोह प्रदर्शन किया।
विद्यार्थियों का कहना है की प्रधानाचार्य रूपम देवी ने अपनी मेहनत से 25 से 150 विद्यार्थियों का नामांकन कराया था तथा वे लाचार बच्चो को भी अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही थी। उनकी मांग हैं की रूपम देवी के स्थानांतरण को निरस्त किया जाए और जब तक उनका स्थानांतरण निरस्त नही होता वह गेट का ताला नही खोलेंगे।
विद्यार्थियों का प्रदर्शन देख आस पास के लोग भी विद्यार्थियों के साथ जुड़ने लगे। इस भीड़ को बढ़ते देख बानसूर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मनोज सिंह शिखावत और अतिरिक्त शिक्षा अधिकारी इंद्रराज गुर्जर ने मौके पर पहुंच कर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियो से बात की ओर उन्हे समझाने की कोशिश करी और उनकी बात को उच्च अधिकारियों तक ले जाने का भी आश्वासन दिया, लेकिन विद्यार्थी अपनी बात पर अड़े हुए हैं। उच्च शिक्षा अधिकारी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की हैं
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