राज एक्सप्रेस। हाल ही में जारी पासपोर्ट इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत के पासपोर्ट को झटका लगा है। दरअसल इस रिपोर्ट में भारतीय पासपोर्ट का मोबिलिटी स्कोर पिछले साल के मुकाबले कम हो गया है। इसके चलते दुनिया के ताकतवर पासपोर्ट की सूची में भारतीय पासपोर्ट 06 स्थान नीचे खिसक गया है। साल 2022 में भारतीय पासपोर्ट 73 मोबिलिटी स्कोर के साथ 138वें स्थान पर था जबकि इस साल 70 मोबिलिटी स्कोर के साथ 144वें स्थान पर पहुँच गया है। तो चलिए आज हम जानेंगे कि आखिर किसी देश के पासपोर्ट की रेंकिंग कैसे तय की जाती है और भारतीय पासपोर्ट की ताकत घटने के पीछे क्या वजह है?
कैसे तय होती है रेंकिंग?
दरअसल किसी भी देश के पासपोर्ट की ताकत इस आधार पर तय की जाती है कि उस देश के नागरिक कितने देशों में पहले से वीजा लिए बिना सफर कर सकते हैं। गौरतलब है कि हम जब भी किसी दूसरे देश में सफ़र करते हैं तो हमें वीजा की आवश्यकता होती है। लेकिन कई देश अपने मित्र देशों के नागरिकों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देते हैं। इसका मतलब यह होता है कि हमें उस देश के नागरिकों से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। ऐसे में जिस देश के पासपोर्ट से जितने ज्यादा देशों में पहले से वीजा लिए बिना यात्रा करने की सुविधा है, उस देश का पासपोर्ट उतना ज्यादा ताकतवर होता है।
भारतीय पासपोर्ट में गिरावट का कारण :
दरअसल भारतीय पासपोर्ट में गिरावट के पीछे यूरोपीय संघ की नीति को बड़ी वजह माना जा रहा है। इस साल सर्बिया जैसे देशों ने भारतीय पासपोर्ट के लिए अपने नियमों को कड़ा कर दिया है। वैसे एशिया में भारत अकेला ऐसा देश नहीं है, जिसका पासपोर्ट कमजोर हुआ है। चीन, थाईलैंड, इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे एशियाई देशों के पासपोर्ट की रैंकिंग भी कम हुई है। एशिया से सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान ही दो देश हैं, जिनके पासपोर्ट इस साल मजबूत हुए हैं। दक्षिण कोरियाई पासपोर्ट 174 के मोबिलिटी स्कोर के साथ 12वें स्थान पर और जबकि जापानी पासपोर्ट 172 मोबिलिटी स्कोर के साथ 26वें स्थान पर है।
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