ब्लैक फंगस और कोरोना से ठीक हुए मरीजों के लिवर में हो रही परेशानी Social Media
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ब्लैक फंगस और कोरोना से ठीक हुए मरीजों के लिवर में हो रही परेशानी

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने कोरोना और ब्लैक फंगस से ठीक हुए मरीजों के लिवर में हो रही परेशानी और अन्य दिक्क्तों की जानकारी दी।

Author : Kavita Singh Rathore

दिल्ली, भारत। देशभर में कोरोना का आंकड़ा पहले ही बेकाबू हो चुका है। इतना ही नहीं देश में अब भी हर दिन हजारों मामलें सामने आरहे हैं और सैकड़ों जानें जा रही हैं। इसी बीच ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) और कोरोना को लेकर हर दिन नई जानकारी सामने आरही है। इस बारे में अहम जानकारी नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकोबिलरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने दी है। उन्होंने बताया है कि, कोरोना और ब्लैक फंगस से ठीक हुए मरीजों के लिवर में परेशानी हो रही है।

स्टेरॉयड्स के चलते हो रही दिक्कत :

दरअसल, आज देशभर में कोरोना के साथ ही कई ने तरह की बिमारियों का भी कहर जारी है। जिसको लेकर हमारे वैज्ञानिक और डॉक्टर्स लगातार रिसर्च कर रहे हैं और मरीजों में हो रहे परिवर्तनों को देख कर नई जानकारी साझा करते हैं। वहीं, अब तक कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे स्टेरॉयड्स से ब्लैक फंगस होने के खतरे की बात सामने आई थी, लेकिन अब इसके कारण लोगों के लिवर में दिक्कत होने की भी पुष्टि हुई है। इस दिक्कत के तहत ज्यादा स्टेरायड्स देने के चलते कोविड से ठीक हुए मरीजों के लिवर (Liver) में कई बड़े फोड़े होने की शिकायत हो रही है। इस बारे में जानकारी डॉक्टर्स ने दी।

सर गंगा राम अस्पताल के चेयरमैन ने दी जानकारी :

नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकोबिलरी साइंसेज के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, "ऐसे मरीजों के लिवर में फोड़ा होना या फिर पस का जमा हो जाना आमतौर पर एक परजीवी के कारण होता है जिसे एंटामोइबा हिस्टोलिटिका के तौर पर जाना जाता है जो दूषित भोजन और पानी से फैलता है। जो एक चीज हमें असामान्य लगी वह ये कि कोविड से उबरने के 22 दिन बाद जो कि पहले से ही असुरक्षित थे, को लिवर के दोनों ओर बड़े हिस्से में कई जगहों पर पस भरा हुआ था जिसे निकालने के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाना जरूरी था।"

कोरोना से ठीक हुए मरीजों को हो रही कईं दिक्कतें :

चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा के मुताबिक, 'इस तरह की समस्या कई मरीजों में देखी गई है। हालांकि उन्होंने मरीजों की संख्या से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन ये दिक्कत ऐसे मरीजों में देखने को मिल रही है जो कोरोना से ठीक हो चुके है। डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना से ठीक हुए मरीजों में न्यूरो संबंधी शिकायतें भी देखी जा रही है। एक अध्ययन से यह बात भी सामने आई है कि, 33% लोगों को न्यूरोसायकेट्रिक की दिक्कतें हो रही हैं। इस के तहत स्वाद-गंध का जाना, भ्रम, ध्यान लगाने में परेशानी, जैसी परेशानियां शामिल हैं। जबकि, इससे कुछ दिन पहले कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कई अन्य परेशानियां भी देखी गई थीं। इन मरीजों में ठीक होने के 20-30 दिनों के बाद पेट में दर्द और मल में रक्तस्राव की शिकायतें देखी गई थीं।

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