महाराष्ट्र। हाल ही में बॉलीवुड के धोनी यानि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद इस मामले में मुंबई पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए पूरे देश-विदेश के आह्वान पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेश (CBI) जांच हुई। हालांकि, अभी जांच जारी है, लेकिन आगे से महाराष्ट्र में किसी भी मामले में CBI की जांच राज्य की ठाकरे सरकार की बिना अनुमति के नहीं हो सकेगी। ठाकरे सरकार ने CBI जांच को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
CBI जांच को लेकर ठाकरे सरकार बड़ा ऐलान :
दरअसल, आज यानि गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से महाराष्ट्र में आगे आने वाले मामलों में CBI की जाँच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति को अनिवार्य कर दिया है। यानि कि, किस भी मामले में यदि CBI जांच की मांग उठती है, तो जांच शुरू करने से पहले राज्य की ठाकरे सरकार से अनुमति लेना होगी। यदि सरकार की तरफ से अनुमति मिलती है, तो ही जांच हो सकेगी। इस मामले में उप सचिव कैलाश गायकवाड़ ने जानकारी दी।
उप सचिव ने बताया :
महाराष्ट्र सरकार के उप सचिव कैलाश गायकवाड़ ने महाराष्ट्र शासन राजपत्र के तहत आदेश जारी करते हुए बताया कि, 'हम दिल्ली विशेष पुलिस अधिनियम, 1946 के धारा 6 के मुताबिक दिए गए अधिकार का उपयोग कर रहे हैं और अब आगे से बिना गृह मंत्रालय की इजाज़त के महाराष्ट्र राज्य के कार्यक्षेत्र में आकर अधिकार इस्तेमाल करने का सहमति वापस ले रही है।
BJP नेता की तीखी प्रतिक्रिया :
गौरतलब है कि, हाल ही में ऐसे दो बड़े मामले सामने आये हैं जिनमें हो रही CBI जांच के कारण महाराष्ट्र सरकार खुश नहीं है। इसी के चलते CBI और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव सा हो गया है। बताते चलें, इन दोनों मुद्दों में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी और चैनल TRP घोटाले का मामला शामिल हैं। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर BJP नेता अतुल भतखलकर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'सरकार ने बिना स्पष्टीकरण दिए जनरल कंसेंट खत्म कर दिया जिसके तहत CBI बिना राज्य सरकार की अनुमति के महाराष्ट्र में आकर जांच कर सकती थी।
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