हाइलाइट्स :
दिसंबर, 2021 में भारतीयों को लेकर उड़ेगा इसरो का मिशन गगनयान
गगनयान मिशन के अंतरिक्षयात्रियों को मिलेगा यह स्पेशल फूड
तरल पदार्थ के लिए विशेष प्रकार के पैकेट तैयार
अंतरिक्ष में यात्रा के लिए जाने वाले भारतीयों की रूस में ट्रेनिंग
भारतीयों को लेकर अंतरिक्ष जाएगा ISRO का मिशन गगनयान
राज एक्सप्रेस। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के तहत आने वाले वर्ष यानी 2021 में भारतीयों को लेकर अंतरिक्ष यात्रा के लिए रवाना होगा। इसके लिए इसरो देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान को अंजाम देने की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। भारत अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला दुनिया का चौथा देश होगा।
अंतरिक्ष यात्रा पर जाने के लिए रूस में ट्रेनिंग :
मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले 4 भारतीयों को जल्द ही रूस भेजा जाएगा, यहां उनकी पहले ट्रेनिंग होगी। ट्रेनिंग के लिए चयनित भारतीय वायुसेना के इन टेस्टिंग पायलट्स के लिए खाने-पीने के सामान भी तैयार कर लिए गए हैं। मैसूर स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लैबरेटरी ने विशेष वैज्ञानिक प्रक्रिया से भोजन और पेय पदार्थ तैयार किए गए हैं।
गगनयान में सवार अंतरिक्ष यात्री क्या खाएंगे?
अंतरिक्ष यात्रियों के खाने का मेन्यू सामने आया, इस फूड मेन्यू के मुताबिक, गगनयान में सवार होकर अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले भारतीय गगनयात्रियों के खाने के लिए 'एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव' दिए जाएंगे। वहीं तरल पदार्थ में अंतरिक्षयात्री अपने साथ पानी और जूस ले जाएंगे, इसके लिए विशेष प्रकार का पैकेट बनाया गया है, जो अंतरिक्ष में फटेगा व सड़ेगा नहीं। अंतरिक्ष यात्रयों के इस खाने को मैसूर स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लेबोरेटरी तैयार करेगी।
इसके आलावा अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को खाना गर्म करने के लिए की सुविधा भी उपलब्ध की जाएगी, वह हीटर पर खाना गर्म कर सकेंगे, हालांकि स्पेस में पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण क्षमता क्षीण हो जाती है, इस वजह से मिशन गगनयान में विशेष तरह के बर्तन भी तैयार किए गए हैं, जिनमें अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने-पानी की वस्तुएं रखी होंगी।
कितने दिन की रहेंगी अंतरिक्ष यात्रा :
गगनयान मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्री 7 दिन तक स्पेस में रहेंगे और ISRO इन्हें पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष की यात्रा कराएगा। इन यात्रियों को पृथ्वी की लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा।
जानें क्या है इस मिशन की लागत?
बता दें कि, ISRO ने भारतीय वायुसेना को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि, वह अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री को चुने। इस दौरान वायुसेना ने पहले तो 25 पायलटों का चयन किया था, जिसमें से सिर्फ 12 ही सिलेक्ट हुए, जो अब रूस जाएंगे, हालांकि इनमें से सिर्फ 4 को ही रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा और इनका चयन रूस की ट्रेनिंग देने वाली एजेंसी ही करेगी। ट्रेनिंग होने के बाद दिसंबर, 2021 में मानव मिशन पर भेजा जाएगा। मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में ही 10,000 करोड़ की लागत के इस महत्वाकांक्षी मिशन को मंजूरी दी थी।
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