हाइलाइट्स :
मुलुगु जिले में 21 से 24 फरवरी तक सम्मक्का सरलम्मा जथारा या मेदाराम जथारा का आयोजन
इस त्यौहार में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं
Sammakka Saralamma Jathara: तेलंगाना सरकार द्वारा मुलुगु (Mulugu) जिले के मेदाराम गांव में आदिवासी त्योहार सम्मक्का सरलम्मा जथारा का आयोजन किया गया। इस त्यौहार में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं।
देवी-देवताओं के सम्मान में तेलंगाना राज्य में मनाया जाने वाला त्योहार
बता दें, सम्मक्का सरक्का जथारा, जिसे मेदाराम जथारा के नाम से भी जाना जाता है, देवी-देवताओं के सम्मान में भारत के तेलंगाना राज्य में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। यह एक अन्यायपूर्ण कानून के खिलाफ एक मां और बेटी, सम्मक्का और सरलम्मा की लड़ाई की याद में मनाया जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, इसे वर्ष 1998 में राज्य महोत्सव के रूप में घोषित किया गया था। यह उत्सव को प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थित तडवई मंडल के मेदाराम गांव में किया जाता है। यह त्यौहार दुनिया के सबसे बड़े लोगों के जमावड़े में से एक के लिए भी जाना जाता है। आदिवासी त्योहार में आमतौर पर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों से करोड़ों लोग आते हैं।
मुलुगु में 4 दिनों तक मेदाराम जथारा या सम्मक्का सरलम्मा जथारा का आयोजन :
तेलंगाना में मेदाराम जथारा या सम्मक्का सरलम्मा जथारा का त्योहार 21 फरवरी से 24 फरवरी 2024 तक आयोजित है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- "सबसे बड़े आदिवासी त्योहारों में से एक और हमारी सांस्कृतिक विरासत की स्थायी भावना की जीवंत अभिव्यक्ति, सम्मक्का-सरक्का मेदाराम जथारा की शुरुआत पर शुभकामनाएं। 'यह जथारा भक्ति, परंपरा और सामुदायिक भावना का एक महान मिश्रण है। हम सम्मक्का-सरक्का को नमन करते हैं और उनकी एकता और वीरता की भावना को याद करते हैं"
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