सरकार ने स्टालिन पर रिश्वत लेने के आरोप को किया खारिज Social Media
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सरकार ने सीएमआरएल ठेका में स्टालिन पर रिश्वत लेने के आरोप को किया खारिज

News Agency, राज एक्सप्रेस

चेन्नई, तमिलनाडु। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर दो शेल कंपनियों से 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप पर सफाई दी है और आरोप को 'गलत', 'झूठा', भ्रमित करने वाला और 'तथ्यात्मक रूप से गलत' करार दिया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के.अन्नामलाई द्वारा श्री स्टालिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद सरकार की ओर से बयान आया है। श्री अन्नामलाई ने आरोप लगाया था कि चेन्नई मेट्रो रेल का ठेका अमेरिका स्थित एल्सटॉम को देने में दो शेल कंपनियों से 200 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गयी है। इस आरोप राज्य सरकार ने आज रात 'गलत', 'झूठा', भ्रमित करने वाला और 'तथ्यात्मक रूप से गलत' करार दिया और इसे पूरी तरह से नकार दिया।

यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह आरोप लगाया गया है कि 2010 में चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (सीएमआरएल) की फेज-1 परियोजना के लिए रोलिंग स्टॉक की खरीद के दौरान एल्स्टॉम ट्रांसपोर्ट को अनुचित लाभ प्रदान किया गया था।

बयान में कहा गया, "यह स्पष्टीकरण यह समझाने के लिए जारी किया गया है कि आरोप पूरी तरह से झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन करके सीएमआरएल ने सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत की है।"

बयान में कहा गया, "यह दोहराया जाता है कि सीएमआरएल द्वारा की गई खरीद निष्पक्ष और मजबूत खरीद प्रथाओं पर आधारित है। इस संबंध में लगाए गए सभी आरोप, अनुचित पक्ष, विदेशी मामलों में अभियोग और शेल कंपनियों के साथ संबंध गलत गलत हैं और इसलिए पूरी तरह से इनकार किया गया है।"

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