हाइलाइट्स-
मुलुगु जिले में 21 से 24 फरवरी तक सम्मक्का सरलम्मा जथारा या मेदाराम जथारा का आयोजन।
सुंदरराजन और अर्जुन मुंडा ने मेदाराम के आदिवासी मेले में की शिरकत।
मेदाराम के आदिवासी मेले में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं।
मुलुगु, तेलंगाना। तेलंगाना सरकार द्वारा मुलुगु (Mulugu) जिले के मेदाराम गांव में आदिवासी त्योहार सम्मक्का सरलम्मा जथारा का आयोजन किया गया। इस त्यौहार में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं। ऐसे में आज शुक्रवार को तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने मेले में शिरकत की।
बता दें कि, तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ शुक्रवार को मुलुगु जिले के मेदाराम में एशिया के सबसे बड़े आदिवासी मेले में शिरकत की। दोनों गणमान्य अतिथियों ने पारंपरिक अनुष्ठानों में भाग लिया और आदिवासी देवताओं सम्मक्का-सरलम्मा की प्रार्थना की। सुश्री सुंदरराजन ने इस अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में राज्यपाल के रूप में तीसरी बार मेदाराम मेले का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता जतायी।
सुश्री सुंदरराजन ने कही यह बात:
सुश्री सुंदरराजन ने इस मौके पर देश और राज्य के लोगों की भलाई और खुशहाली के लिए सम्मक्का सरलाम्मा से प्रार्थना की। मुंडा ने मेदाराम मेले को देश का सबसे बड़ा आदिवासी मेला घोषित किया। उन्होंने इस आयोजन का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। भव्य आदिवासी मेला 24 फरवरी को समाप्त होने वाला है, जिसमें देश भर से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
आपको बता दें कि, सम्मक्का सरक्का जथारा, जिसे मेदाराम जथारा के नाम से भी जाना जाता है, देवी-देवताओं के सम्मान में भारत के तेलंगाना राज्य में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। यह एक अन्यायपूर्ण कानून के खिलाफ एक मां और बेटी, सम्मक्का और सरलम्मा की लड़ाई की याद में मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इसे वर्ष 1998 में राज्य महोत्सव के रूप में घोषित किया गया था। यह उत्सव को प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थित तडवई मंडल के मेदाराम गांव में किया जाता है।
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