हाइलाइट्स :
PM मोदी ने तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का दौरा किया
प्रधानमंत्री मोदी ने 20 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया
तमिलनाडु, भारत। तमिलनाडु में प्रधानमंत्री मोदी का एक के बाद एक कार्यक्रम में सिरकत किए जाने का सिलसिला जारी है। अब उन्होंने तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का दौरा किया। साथ ही तिरुचिरापल्ली में विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
20 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया :
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20,140 करोड़ रुपए की लागत से 20 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- आज की लगभग ₹20,000 करोड़ की विकास परियोजनाएं तमिलनाडु की प्रगति को मजबूत करेंगी। मैं आपको इस परियोजना के लिए बधाई देता हूं जिसमें रेलवे, सड़क मार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे, ऊर्जा और पेट्रोलियम पाइपलाइन शामिल हैं। इनमें से कई परियोजनाएं हजारों रोजगार के अवसर पैदा करते हुए यात्रा को आसान बनाती हैं। 2023 के आखिरी कुछ हफ्ते तमिलनाडु के कई लोगों के लिए मुश्किल भरे रहे। भारी बारिश के कारण हमने अपने कई साथी नागरिकों को खो दिया। संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार तमिलनाडु के लोगों के साथ खड़ी है। हम राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
आने वाले 25 साल भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के हैं। जब मैं विकसित भारत की बात करता हूं, तो इसमें आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों पहलू शामिल हैं। इसलिए मैं इसमें तमिलनाडु की विशेष भूमिका देखता हूं। तमिलनाडु भारत की समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। तमिलनाडु के पास तमिल भाषा और ज्ञान का प्राचीन खजाना है। संत तिरुवल्लुवर से लेकर सुब्रमण्यम भारती तक अनेक संतों ने अद्भुत साहित्य की रचना की है। सीवी रमण से लेकर आज तक अनेकों अद्भुत Scientific और Technological brain इस मिट्टी ने पैदा किए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कुछ दिन पहले हमने श्री तिरु विजयकांत जी को खो दिया। वह न केवल सिनेमा की दुनिया में बल्कि राजनीति में भी एक कप्तान थे। उन्होंने फिल्मों में अपने काम से लोगों का दिल जीता। एक राजनेता के रूप में उन्होंने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
आज मैं तमिलनाडु के एक और सपूत डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन जी को भी याद कर रहा हूं, जिन्होंने हमारे देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज़ादी का अमृत काल, या आने वाले 25 वर्ष हमारे लिए विकसित भारत के लिए प्रयास करने का प्रमुख समय है। जब मैं विकसित भारत की बात करता हूं तो मैं आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं पर विचार करता हूं। तमिलनाडु भारतीय विरासत और संस्कृति का प्रतीक है।
मेरा प्रयास है कि देश के विकास और विरासत में तमिलनाडु से मिली सांस्कृतिक प्रेरणा का लगातार विस्तार हो। आपने देखा है कि दिल्ली में संसद के नए भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। ये गुड गवर्नेंस की उस मॉडल से प्रेरणा लेने का प्रयास है, जो तमिल परंपरा ने पूरे देश को दिया है।
तिरुचिरापल्ली में, हम पल्लव, चोल, पांडे और अन्य जैसे विभिन्न राज्यों के सुशासन मॉडल देखते हैं। मैं जहां भी जाता हूं, तमिलनाडु की समृद्ध विरासत को दुनिया के सामने दिखाने का लगातार प्रयास करता हूं। नए संसद भवन में, हमने अपने इतिहास के सुशासन मॉडल से प्रेरणा लेने के लिए सेनगोल स्थापित किया है।
पिछले 10 वर्षों में भारत ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश किया है। रोड, रेल, पोर्ट, एयरपोर्ट, गरीबों के घर, अस्पताल... आज भारत फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश कर रहा है। आज भारत सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहा है। भारत दुनिया में एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। बड़े निवेशकों को भारत में अवसर दिख रहा है। इसका सीधा लाभ तमिलनाडु और वहां के लोगों को हो रहा है। तमिलनाडु 'मेक इन इंडिया' का ब्रांड एंबेसडर बन रहा है।
आज तमिलनाडु की रेल कनेक्टिविटी को सशक्त करने के लिए 5 नए प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं। इनसे travel और transportation तो आसान होगी ही, इस क्षेत्र में बिजली उत्पादन को भी बल मिलेगा। विकास में कनेक्टिविटी एक बड़ा कारक है। तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल क्षमता तीन गुना बढ़ा देगा। इससे तिरुचिरापल्ली की पूर्व और मध्य पूर्व एशिया से कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इससे इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्रों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
पिछले 10 वर्षों में, केंद्र सरकार ने बंदरगाह आधारित विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने बंदरगाह शहरों और हमारे मछुआरों के विकास के लिए प्रयास किए। पहली बार, हमने अलग बजट आवंटन के साथ एक विशेष मत्स्य पालन मंत्रालय बनाया। हमने किसान क्रेडिट योजना का लाभ मछुआरों तक भी पहुंचाया।
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