राज एक्स्प्रेस। कर्नाटक में शनिवार को सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ले ली। उनके साथ, वरिष्ठ पार्टी नेता डीके शिवकुमार (D.K. Shivakumar) ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के बेटे समेत 8 अन्य नवनिर्वाचित विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के आखिर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मंच पर आए और कहा हमने 5 वादे किए थे, वे कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही पूरे किए जाएंगे।
इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम विधानसभा भवन पहुंचे। विधानसभा भवन पहुंचकर सिद्धारमैया ने इमारत की सीढ़ियों पर सिर रखकर प्रणाम किया और कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है। उन्होंने कहा कि मैं संकल्प लेता हूं कि इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए ताउम्र काम करता रहूंगा। सिद्धारमैया ने जिस तरह से विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर सिर रखकर प्रणाम किया, उसे देखकर वह दृश्य याद आ गया जब पीएम मोदी ने 2014 का चुनाव जीतने के बाद पहली बार संसद भवन की सीढ़ियों पर सिर रखकर प्रणाम किया था। इसके बाद कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें जनता से किए गए सभी वादे पूरे करने का निर्णय किया गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिन पांच वादों की बात कही थी, सीएम सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद आयोजित पहली कैबिनेट बैठक में उन पर मुहर लगा दी। बाद में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा उनकी कैबिनेट ने जनता से किए गए सभी पांच वादे पूरे करने का आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बाद अगली कैबिनेट बैठक होगी। इस बैठक में इन पांचों गारंटियों को लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता से किए वादे पूरे करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
कर्नाटक की नई सरकार में डीके शिवकुमार ने इकलौते डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है। कर्नाटक में डॉ जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज और एमबी पाटिल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। जबकि, सतीश जारकीहोली, मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे, रामालिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान ने राज्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
पहली कैबिनेट में उत्तर कर्नाटक की जगह दक्षिण कर्नाटक को ज्यादा महत्व दिया गया। दक्षिण कर्नाटक से 5 मंत्री हैं, जबकि नॉर्थ से सिर्फ 3 हैं। वहीं, 8 में से सबसे ज्यादा 3 मंत्री अनुसूचित जाति से हैं। बाकी समुदाय से भी मंत्री बनाकर कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग करने का प्रयास किया है। सीएम कुरुबा समुदाय से हैं तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। इनके अलावा, डॉ जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, प्रियांक खड़गे अनुसूचित जाति है हैं। सतीश जारकीहोली अनुसूचित जनजाति, एमबी पाटिल लिंगायत कम्युनिटी, केजी जॉर्ज क्रिश्चियन, जमीर अहमद खान मुस्लिम और रामालिंगा रेड्डी रेड्डी समुदाय से हैं।
कर्नाटक कैबिनेट में कुल 34 मंत्रियों को शामिल किया जाना है। अभी केवल 8 को ही शामिल किया गया है। जिन मंत्रियों ने आज सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ शपथ ली है, वे कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और आलाकमान के सीधे संपर्क में हैं। यही वजह है कि इनके मंत्री बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गुट के जिन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है, उनके आलाकमान से सीधे कनेक्शन नहीं हैं, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने पर चर्चा होगी। इसके लिए सीएम और डिप्टी सीएम शनिवार शाम ही दोबारा दिल्ली जा सकते हैं।
शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इनमें पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, डेजीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव, वामपंथी नेता डी राजा और सीताराम येचुरी, डीएमके के स्टालिन, एनसीपी के शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, एमएनएम के कमल हासन शामिल हैं। इनके अलावा, कांग्रेंस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा , मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। हालांकि, सोनिया गांधी कार्यक्रम में नहीं पहुंच सकीं। कर्नाटक कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी), तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी और केरल के सीएम पी विजयन को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया।
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