Karnataka Election 2023 Exit Poll: कर्नाटक चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) मतदान हो चुके है और कल सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू हो होगी। चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार 72.81 प्रतिशत का मतदान रिकॉर्ड किया गया है जो पिछले चुनाव में 72.13 प्रतिशत देखा गया था। इतना मतदान कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया था। मतदान के बाद से ही अलग–अलग मीडिया हाउस के एग्जिट पोल सामने आ गए है।
अधिकतम एग्जिट पोल, त्रिशंकु सरकार (Hung) यानी मिली जुली सरकार की तरफ इशारा कर रहे है लेकिन 4 में कांग्रेस (Congress) को बहुमत और भाजपा (BJP) को महज एक में बहुमत दी गई है। वैसे एक राजनीतिक पंडितों (Political Pundits) की एक धारणा के अनुसार जिस भी जगह या किसी भीं प्रकार के चुनाव में अगर मतदान प्रतिशत बढ़ता है, तो उस जगह भाजपा को अधिक लाभ होता है लेकिन इस बार राजनीतिक पंडितों की यह धारणा संभवतः टूट सकती है।
वहीं कांग्रेस ने जो आख्यान इतने महीनो से कर्नाटक में बनाकर रखा था उसका लाभ उन्हें मिलता हुआ नजर आ रहा है। 40% कमीशन वाला भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय (Lingayat and Vokkaliga Communities) को आरक्षण (Reservation) देने का मुद्दा हो या नंदिनी vs अमूल वाला मुद्दा हो या स्कूलों में हिजाब वाला मुद्दा (Karnataka Hijab Row) हो इन सभी मामलों में कांग्रेस ने भाजपा को बड़ी चालाकी से घेरा था। उन्होंने प्रदेश में फेल रही सांप्रदायिक हिंसा को भी एक मुद्दा बनाया था जिसके बाद से ही सीएम बोम्मई सरकार (CM Basavaraj Bommai) बैकफुट पर नज़र आ रही थी। मतदान के हफ्ते भर पहले तक कांग्रेस एक तरफा जीत की तरफ जा रही थी लेकिन कांग्रेस में अपने घोषणा पत्र में जो वादें किए उससे कांग्रेस की एक तरफा जीत को धक्का लगा है।
उन्होंने अपने घोषणा पत्र में विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की युवा विंग बजरंग दल को बैन (Bajrang Dal Ban) करने की बात कही थी जिसके बाद से पूरे कर्नाटक में बजरंग दल के सदस्यों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। बजरंग दल सदस्यों ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय (Congress State Office) के बाहर श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa) का पाठ और कांग्रेस के झंडे को जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया था। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने भी मतदान से 3 दिन पहले इस मुद्दे को हवा देते हुए बजरंग दल को बैन को भगवान श्री बजरंग बली हनुमान जी को बैन करने के समान बता दिया था।
हालांकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र (Manifesto) में यह लिखा था कि वह देश में सांप्रदायिकता और गुंडागर्दी करने वाले कट्टर हिंदू संगठन बजरंग दल और कट्टर मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे दलों और संगठनों को कर्नाटक से बैन कर देगी। बहरहाल, इस बड़ी गलती के बाद भी कांग्रेस वापसी करती हुई नजर आ रही है लेकिन जीत का मार्जिन कम होता हुआ भी नजर आ रहा है।
1. रिपब्लिक टीवी-पी मार्क
भाजपा: 85-100 विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस 94-108
जेडीएस 24-32
2. टीवी9 भारतवर्ष- पोलस्ट्रैट
भाजपा: 88-98 विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस 99-109
जेडीएस 21-26
3. ज़ी न्यूज़ मैट्रिज़ एजेंसी
भाजपा: 79-94 विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस 103-118
जेडीएस 25-33
4. एबीपी-सीवोटर
भाजपा: 83-95 विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस 100-112
जेडीएस 21-29
5. आज का चाणक्य
भाजपा: 92
कांग्रेस 120
जेडीएस 12
6.न्यूज नेशन–CGS
भाजपा:114
कांग्रेस:86
जेडीएस:21
7. न्यूज 18–राजनीति
भाजपा: 100
कांग्रेस: 92
जेडीएस: 31
8. इंडिया टीवी– CNX
भाजपा: 85
कांग्रेस: 115
जेडीएस: 22
9. सुवर्ण न्यूज– जन की बात
भाजपा: 106
कांग्रेस: 98
जेडीएस: 19
10. इंडिया टुडे– Axis by India
भाजपा: 92
कांग्रेस: 131
जेडीएस: 22
11. टाइम्स नाऊ –ETG
भाजपा: 85
कांग्रेस:113
जेडीएस:23
एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा ने तटीय कर्नाटक (Coastal Karnataka) क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत रखा है लेकिन बाकी बचे क्षेत्र जैसे की मध्य कर्नाटक (Central Karnataka) में उसे सबसे बड़ा डेंट लगा है, जहां पिछली बार उन्होंने 20 सीटें अपने नाम की थी वही इस बार यह अकड़ा 15 से भी नीचे निपटता हुआ दिखाई पड़ रहा हैं। यही नहीं कर्नाटक के दूसरे सबसे बड़े क्षेत्र कित्तूर कर्नाटक (Kittur Karnataka) में जहां पिछली बार भाजपा ने 30 सीटें अपने नाम की थी वही इस बार 20 पर समाप्त हो रही है। एग्जिट पोल के अनुसार यह बात भी समझ आ रही है कि भाजपा का अहम और बड़े लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) को सीएम पद से हटाकर दूसरे लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को सीएम का पद देने का फैसला गलत साबित हो रहा हैं।
यही नहीं प्रदेश में चल रहे विभिन्न आंदोलन जैसे बंजारा समुदाय का आरक्षण को लेकर आंदोलन (Banjara Community Protest), मुस्लिम धर्म के लोगों खासकर लड़कियों और महिलाओं का बुर्के को लेकर विरोध और भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को मिलने वाले आरक्षण को बंद कर उसे लिंगायत और वोक्कलिग्गा समुदाय को देना इन सभी मुद्दों ने भाजपा को हार की तरफ धकेला है। बहरहाल, मतदान से कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार में पीएम मोदी के आने से कर्नाटक भाजपा को सांसें मिली थी। पीएम मोदी ने भाजपा की सोई हुई कर्नाटक भाजपा में जैसे जान फूंक दी और रही सही कसर कांग्रेस की बयानबाजी और घोषणा पत्र ने कर दी थी।
इन सभी निर्गम मतानुमान (Exit Poll) मातत हमें यह पता चलता है कि 11 में से 4 एग्जिट पोल में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ कर्नाटक की सत्ता में वापसी करने जा रही हैं लेकिन वही 11 में से 6 एग्जिट पोल त्रिशंकु सरकार का इशारा भी कर रहा है। बहरहाल, भाजपा को महज एक ही एग्जिट पोल ने पूर्ण बहुत दी है लेकिन 3 एग्जिट पोल में भाजपा 100 के आंकड़े को छूती हुई दिखाई पड़ रही है। एग्जिट पोल को देखने के बाद प्रतीत हो रहा की भाजपा को प्रधानमंत्री मोदी के आखरी समय वाले रोडशों और रैलियों का फायदा पहुंच रहा है लेकिन एग्जिट पोल से यह भी ज्ञात होता है कि इतनी रैलियों, रोडशो और प्रचार के बावजूद भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं कांग्रेस ने डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को कर्नाटक कांग्रेस की कमान सौंपकर राज्य में अपनी वापसी लगभग तय कर ली थी लेकिन आखरी समय पर कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर जो सियासी बवाल कर्नाटक में हुए उसकी वजह से कांग्रेस की एक तरफा जीत पर बड़ा डेंट लगता हुआ दिखाई पड़ रहा हैं। कांग्रेस के इतने विरोध के बाद भी उन्हें बहुमत मिलती हुई दिखाई पड़ रही हैं।
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