तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन Raj Express
दक्षिण भारत

CM स्टालिन ने मछुआरों की गिरफ्तारी पर PM मोदी की चुप्पी पर उठाया सवाल

CM स्टालिन ने कहा, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी और उन पर किये जा रहे अत्याचारों को रोकने में क्यों विफल रही है।

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने PM मोदी से पूछे सवाल।

  • BJP ने कच्चातिवू को पुन: प्राप्त करने के लिए क्या कदम उठाये?

  • मछुआरों पर अत्याचार को रोकने में क्यों विफल।

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य के मछुआरों की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनके उन आरोपों को सफेद झूठ करार दिया है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम् (द्रमुक) और कांग्रेस की ओर से संयुक्त रूप से किये गये पापों के कारण श्रीलंकाई नौसेना मछुआरों पर हमले करती है तथा उन्होंने गिरफ्तार करती है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि द्रमुक के कड़े विरोध के बावजूद कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया गया।

सीएम स्टालिन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पूछा, खुद को विश्वगुरु कहने वाले प्रधानमंत्री मौन गुरु क्यों बने हुए हैं? प्रधानमंत्री ने बिना किसी हिचकिचाहट के झूठ बोला है। तमिलनाडु के लोग सच्चाई जानते हैं। CM स्टालिन ने कहा कि वह PM मोदी से यह जानना चाहते हैं कि पिछले 10 वर्ष में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने कच्चातिवू द्वीप को वापस हासिल करने के लिए क्या कदम उठाये हैं और वह श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी और उन पर किये जा रहे अत्याचारों को रोकने में क्यों विफल रही है।

उन्होंने आरोप लगाया और सवाल उठाया कि, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के मछुआरों के मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकार की रक्षा के लिए आवाज क्यों नहीं उठायी। उन्होंने कहा कि मछुआरे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए द्रमुक पर कीचड़ उछालने वाली भाजपा सरकार के हास्यास्पद नाटक का पर्दाफाश करेंगे, उसका मुखौटा उतारने का समय आ गया है। उन्होंने पूछा, क्या प्रधानमंत्री इतने मासूम हैं कि उन्होंने विश्वास कर लिया कि एक राज्य सरकार देश का एक हिस्सा दूसरे देश को दे सकती है? भाजपा ने पिछले 10 वर्ष में कच्चातिवू को पुन: प्राप्त करने के लिए क्या कदम उठाये हैं?

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि भाजपा सरकार श्रीलंकाई नौसेना के हाथों तमिल मछुआरों की गिरफ्तारी और उन पर किये जा रहे अत्याचार को रोकने में क्यों विफल रही। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि दूसरी बार वही अपराध करने पर मछुआरों को जेल भेजने की प्रक्रिया तभी शुरू की गयी थी, जब भाजपा सत्ता में थी और उसने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार तमिलनाडु के हितों की अनदेखी कर रही है और जब लोगों ने PM मोदी से उन विशेष कार्यक्रमों की सूची मांगी, जो उनकी सरकार ने तमिलनाडु के कल्याण के लिए लागू किये हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।

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