विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने बैंकरों से शैक्षिक और आवास क्षेत्रों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ऋण देने हेतु एक सक्रिय कार्य योजना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया है।
श्री रेड्डी ने शुक्रवार को यहां 222वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक को संबोधित करते हुए बैंकों द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में शैक्षिक और आवास क्षेत्रों के लिए निर्धारित लक्ष्यों का क्रमश: 42.91 प्रतिशत और 33.58 प्रतिशत तक ऋण देने पर नाराजगी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अब तक 30.75 लाख आवास स्थलों का महिलाओं को नि:शुल्क वितरण किया जा चुका है तथा आवास निर्माण के लिए आवश्यक बालू नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि सब्सिडी दरों पर स्टील तथा सीमेंट की आपूर्ति की जा रही है। इस दौरान उन्होंने बैंकरों को याद दिलाया कि वे पिछली बैठक में प्रत्येक लाभार्थियों को तीन प्रतिशत की ब्याज दर पर 35,000 रुपये अतिरिक्त ऋण प्रदान करने के लिए सहमत हुए थे , जिसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने बैंकों से शेष बचे हुए लाभार्थियों के लिए ऋण प्रदान करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, "सरकार अप्रैल में तीन लाख अतिरिक्त घरों का निर्माण शुरू करेगी।" उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए कुल 30.75 लाख घर बनाए जाएंगे। उन्होंने बैंकरों से सभी लाभार्थियों को यह कहते हुए ऋण देने के लिए कहा कि एक बार मकान तैयार हो जाने के बाद इसकी कीमत 05 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक हो जाएगी। इस संदर्भ में, बैंकरों को सक्रिय होना चाहिए और लाभार्थियों को अधिक ऋण देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में किसानों को दिये गये अल्पकालीन फसली ऋण के बारे में कहा कि इस दिशा में 83.36 प्रतिशत तक ही लक्ष्य प्राप्त किया गया है और बैंकरों को भी लक्ष्य को पूर्ण रूप से प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के प्रथम नौ माह में काश्तकार किसानों को मात्र 1126 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि 1,63,811 काश्तकारों को 4000 करोड़ का ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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