अमूल vs नंदिनी Syed Dabeer Hussain - RE
दक्षिण भारत

अमूल vs नंदिनी, जानिए दूध को लेकर क्यों मचा कर्नाटक में बवाल

कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां जहां अमूल के कर्नाटक में एंट्री का विरोध कर रही हैं, तो भाजपा ने कहा है कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है।

Vishwabandhu Pandey

Amul vs Nandini : कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इससे पहले तमाम राजनीतिक दल वहां प्रचार-प्रसार कर वोटरों को लुभाने में लगे हैं। चुनावी सरगर्मी के बीच कर्नाटक में अब अमूल दूध को लेकर बवाल मच गया है। कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां जहां अमूल के कर्नाटक में एंट्री का विरोध कर रही हैं, तो भाजपा ने कहा है कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है?

कैसे शरू हुआ यह विवाद?

दरअसल यह मामला बीते साल दिसम्बर माह का बताया जा रहा है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक रैली के दौरान यह कहा था कि, आने वाले तीन सालों में नंदिनी और अमूल साथ मिलकर कर्नाटक के हर गाँव में डेयरी शुरू करेंगे। जिसके बाद अब कुछ दिनों पहले ही अमूल ने यह कहा कि वह जल्दी ही बेंगलुरु में दूध और दही की बिक्री शुरू करने वाला है। ऐसे में विपक्ष इसे बीजेपी का प्रचार करने का तरीका बता रहे हैं।

क्या है विपक्ष का कहना?

इस मामले में विपक्षी दलों का यह मानना है कि यदि कर्नाटक में अमूल की एंट्री हो जाती है तो यह कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड नंदिनी के लिए संकट पैदा कर सकता है, और कर्मचारियों के लिए भी परेशानी बन सकता है। इस बीच बेंगलुरु के एक होटल संगठन ने भी नंदिनी ब्रांड का उपयोग करने और इसका समर्थन करने के लिए किसानों से अपील की है।

क्या है बीजेपी का जवाब?

इस मामले में सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर का यह कहना है कि, फ़िलहाल नंदिनी और अमूल के विलय को लेकर उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा मंत्री नारायण ने भी इस तरह की खबरों को महज अफवाह बताया है। बीजेपी का कहना है कि विपक्ष के द्वारा इस मुद्दे पर राजनीतिकरण किया जा रहा है।

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