Shakuntala Devi Birthday Social Media
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Shakuntala Devi Birthday : भारत की वह महिला जिसने गणित में कंप्यूटर को भी दे दी थी मात

शकुंतला देवी ने महज 6 साल की उम्र में ही मैसूर यूनिवर्सिटी और अन्नामलाई यूनिवर्सिटी में अपनी गणित की असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन किया था।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। गणित के सवाल हम सभी को मुश्किल में डाल देते हैं। खासकर बड़ी संख्याओं का जोड़, घटाव, गुणा, भाग, स्क्वायर या क्यूब निकालने के लिए हमें कैलकुलेटर की आवश्यकता होती है। लेकिन भारत की प्रसिद्द महिला गणितज्ञ शकुंतला देवी यह काम चुटकियों में बिना किसी कैलकुलेटर के कर लेती थीं। उनकी बेहतरीन मैथ्स स्किल्स के चलते उन्हें ह्यूमन कंप्यूटर भी कहा जाता था। शकुंतला देवी जटिल गणितीय समस्याओं को भी मुंह जुबानी ही सुलझा देती थीं। यही कारण है कि उनकी इस काबिलियत को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सराहा जाता है। तो चलिए जानते हैं शकुंतला देवी के जीवन और उनके कुछ दिलचस्प कारनामों के बारे में :

शुरूआती जीवन :

शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 में बेंगलुरु के एक कन्नड़ परिवार में हुआ था। गरीबी के चलते शकुंतला देवी अपनी औपचारिक शिक्षा भी पूरी नही कर पाई थी। हालांकि गणित के प्रति उनकी दिलचस्पी बचपन से ही थी। छोटी सी उम्र में ही वह ताश के खेल में अपने पिता को मात दे देती थी। इससे उनके पिता को शकुंतला देवी के हुनर के बारे में पता चला।

दुनियाभर में मनवाया लोहा :

महज 6 साल की उम्र में ही शकुंतला देवी ने मैसूर यूनिवर्सिटी और अन्नामलाई यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपनी गणित की प्रतिभा का लौहा मनवाया। इसके बाद उन्होंने कई सार्वजानिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। शकुंतला देवी जल्द ही अति लोकप्रिय हो गईं। उन्हें बीबीसी रेडियो के एक कार्यक्रम में बुलाया गया, जहां शकुंतला देवी ने महज कुछ सेकंड में ही अंकगणित के एक जटिल सवाल का जवाब दे दिया। खास बात यह है कि उनका जवाब शो की टीम के जवाब से अलग था, लेकिन शकुंतला देवी अपने जवाब पर अड़ी रहीं। जिसके जवाब को वापस चेक किया गया तो पता चला कि शो की टीम का जवाब गलत था। इस शो से भी उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली। शकुंतला देवी ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की कई यूनिवर्सिटी में अपनी असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

शकुंतला देवी का अद्भुत कौशल :

  • साल 1982 में शकुंतला देवी ने किसी कंप्यूटर या कागज-पेन की मदद लिए बिना महज 28 सेकंड में ही 13-13 अंकों की दो संख्या (7,686,369,774,870 और 2,465,099,745,779) का मल्टीप्लाई कर दिया था। इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था।

  • साल 1977 में शकुंतला देवी ने यूनिवर्सिटी ऑफ डलास के एक प्रोग्राम में महज 50 सेकंड में 201 का 23वां रुट कैलकुलेट कर सभी को हैरान कर दिया था। खास बात यह है कि इस सवाल का जवाब देने में उस समय के सबसे तेज कंप्यूटर ‘यूनिवेक’ को भी 62 सेकंड लगे थे।

  • शकुंतला देवी ने महज एक मिनट के अंदर ही 332812557 का घनमूल निकाल लिया था।

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