राज एक्सप्रेस। दिल्ली में मंगलवार को विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। दिल्ली वासियों ने एक बार फिर देश की राजधानी की कमान आप पार्टी को सौंपी है। राजधानी में पूर्ण बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी की तीसरी बार वापसी हुई है। जनता के जनादेश को भाजपा और कांग्रेस ने स्वीकारा है। परिणाम आने के बाद से ही दिल्ली की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई है। दिल्ली में कांग्रेस की 67 सीटों पर जमानत जप्त हो गई है। कांग्रेस केवल 3 सीटों पर जमानत बचा पाई है।
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पी.सी. चाको ने इस्तीफा दे दिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर भाजपा सिमट गई है, हालांकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार भाजपा की सीटें बढ़ी हैं। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि, बीजेपी हाई कमान ने मनोज तिवारी को पद पर बने रहने के लिए कहा है। सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी को महज 8 सीटें मिली हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती हैं। जबकि भाजपा सिर्फ 8 सीटों पर रही, 2015 की तरह इस बार भी कांग्रेस शून्य पर रही। रविवार 16 फरवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। जिसमे पूरी कैबिनेट सीएम पद के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के साथ शपथ लेगी।
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