आज बिजली हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
दुनियाभर में बिजली बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से दोहन किया जा रहा है।
नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है।
भारत लगातार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है।
Akshay Urja Diwas : आज बिजली हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। बिजली के बिना हम एक पल नहीं रह सकते हैं। लाइट, टीवी, फ्रिज, एसी, पंखा, मोबाइल, कंप्यूटर जैसी सभी इलेक्ट्रॉनिक चीजों के लिए हमें इसकी आवश्यकता होती है। हालांकि दुनियाभर में बिजली बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से दोहन किया जा रहा है। यह मानव जीवन के लिए बड़ा खतरनाक है। इसी को देखते हुए दुनियाभर में अक्षय ऊर्जा यानि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में भी नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी।
दरअसल आमतौर पर बिजली बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों जैसे तेल, कोयला और गैस आदि का उपयोग किया जाता है। हालांकि इनके उपयोग से जहां एक तरफ प्रदूषण फैलता है तो दूसरी तरफ इनको बचाकर रखना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि इन्हें बनने में सालों लगते हैं। यही कारण है कि नवीकरणीय ऊर्जा हमारे लिए बेहद जरूरी है।
दरअसल नवीकरणीय ऊर्जा भी प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग करके बनाई जाती है, लेकिन यह स्त्रोत कभी खत्म नहीं होते हैं। वायु ऊर्जा, सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर, बायोमास, जियोथर्मल इसके उदाहरण हैं। यह स्त्रोत कभी समाप्त नहीं होते हैं और इन्हें लगातार नवीनीकृत किया जाता है। यही कारण है कि इन स्त्रोतों से प्राप्त ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहा जाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। यह पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। नवीकरणीय ऊर्जा को ऊर्जा का स्थायी स्रोत माना जाता है, क्योंकि यह कभी खत्म नहीं होते हैं। इससे स्थायी रोजगार मिलता है। नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए ऊर्जा की कीमतों में कमी लाई जा सकती है।
भारत लगातार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है। साल 2022 तक भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 175 गीगावाट है। सरकार साल 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरत का 50 फीसदी यानि करीब 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए पूरी करना चाहती है।
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