राज एसप्रेस। चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा पर मिल रही दोहरी चुनौती के बीच शनिवार को सेना की तोपखाना रेजिमेंट (Regiment of Artillery) में पहली बार पांच महिला अफसरों की नियुक्ति की गई है। यह महिलाओं का पहला बैच है, जो चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) से प्रशिक्षण लेने के बाद सेना के तोपखाना रेजीमेंट में शामिल किया गया है। जिन 5 महिला अफसरों की नियुक्ति की गई है, उनमें जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद नायक दीपक सिंह (Naik Deepak Singh) की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह भी शामिल हैं।
इन महिला अफसरों को इसी साल जनवरी में सेनादिवस के पूर्व राजधानी में आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे (General Manoj Pande) ने तोपखाना रेजिमेंट में तैनात करने का ऐलान किया था। उल्लेखनीय है कि तोपखाना रेजीमेंट अगले मोर्चे पर होने वाली सीधी लड़ाई में इन्फैंट्री और टैंक रेजीमेेंट के साथ आमने सामने की लड़ाई में हिस्सा लेती है। इस रेजीमेंट में अब तक महिलाओं की भर्ती नहीं की जाती रही है। युद्ध क्षेत्र में इंफेंट्री के जवान दुश्मन के साथ आमने-सामने की लड़ाई लड़ते हैं, दूसरे घेरे के रूप में टैंक रेजिमेंट उन्हें कवर देती है। तीसरा सुरक्षा घेरा तोपखाना रेजिमेंट का होता है, जो पैदल सेना और टैंक दस्ते दोनों को सुरक्षा देने का काम करता है। इन पांच महिला अफसरों को पहली बार इस रेजीमेंट में नियुक्ति दी गई है। इस लिहाज से यह महिलाओं के लिए खास दिन है।
सेना ने सूत्रों बताया कि लेफ्टिनेंट मेहक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव, लेफ्टिनेंट पियस मुदगिल और लेफ्टिनेंट रेखा सिंह को तोपखाना रेजिमेंट में कमीशन किया गया है। इनमें लेफ्टीनेंट रेखा सिंह जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी विवाद के दौरान गलवान घाटी की हिंसक झड़प में शहीद नायक दीपक सिंह (नर्सिंग सहायक) की पत्नी हैं। अपनी तैनाती के बाद लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने कहा पति के शहीद होने के बाद मैंने सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था। आज मेरा संकल्प पूरा हो गया है। मैं लेफ्टिनेंट बन गई हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। मैं सेना की सेवा करते हुए उस आदर्श को आगे बढ़ाऊंगी, जिसका पालन करते हुए मेरे पति ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
गौरतलब है कि नायक दीपक सिंह को चीनी पीएलए द्वारा गलवान में हिंसा के दौरान अदम्य साहस और घायल भारतीय सैनिकों के उपचार में मदद के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वीर चक्र युद्धकाल या विवाद की स्थिति में दिया जाने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। नायक दीपक सिंह ने गलवान झड़प के दौरान सेना के 30 सैनिक की जान बचाई थी। चेन्नई में तोपखाना महानिदेशक आदोष कुमार ने इस मौके पर कहा आर्टिलरी रेजिमेंट के लिए महिलाओं अधिकारियों का यह स्वागत करने का ये एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमें उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा है।
इन पांचों में से तीन की तैनाती चीन सीमा के करीब की गई है जबकि दो को पाकिस्तान से लगे चुनौतीपूर्ण सरहदी इलाके सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेफ्टिनेंट रेखा सिंह को पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा के करीब तोपखाने की एक अग्रिम यूनिट में तैनात किया गया है। 29 वर्षीय रेखा सेना को ऑर्डिनेंस कोर में तैनात किया गया है। जबकि उनके पति शहीद नायक दीपक सिंह सेना की मेडिकल कोर में तैनात थे। बाद में उन्हें बिहार रेजिमेंट की 16 वीं बटालियन में तैनात किया गया था। यह सेना की वही रेजिमेंट है, जिसने गलवान घाटी संघर्ष में चीन की सेना को नाकों चने चबा दिए थे। आपको याद होगा इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 रणबांकुरे शहीद हो गए थे। गलवान की झड़प के बाद ही भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव चरम पर पहुंच गया था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।