राज एक्सप्रेस। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में स्थित लाल किला (Lal Qila) देश की सबसे महत्वपूर्ण ईमारत में से एक है। यही वह जगह है जहां देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने 15 अगस्त 1947 में तिरंगा फहराया था। उसके बाद से ही हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री लाल किले (Red Fort) की प्राचीर पर झंडा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। देश की यह ऐतिहासिक धरोहर आज के ही दिन बनकर तैयार हुआ थी। 13 मई 1648 को बनकर तैयार हुई इस ईमारत की नींव 29 अप्रैल को 1639 को रखी गई थी। तो चलिए इस मौके पर जानते हैं लाल किले से जुड़ी खास बातें।
मुगल सम्राट शाहजहां ने जब आगरा की जगह दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने का फैसला किया था तो उन्हें दिल्ली में भी लाल किला बनाने का फैसला किया। दरअसल शाहजहां के दादा अकबर ने आगरा में लाल किला बनवाया था। इसी से प्रेरित होकर शाहजहां ने दिल्ली में लाल किला बनवाया।
बता दें कि खूबसूरत लाल किले को मुगल काल (Mughal Period) के प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाईन किया था। वह आगरा में बने खूबसूरत ताजमहल के भी प्रधान वास्तुकार थे। यहां हमें हिंदू परंपरा के साथ मुगल, फारसी, तैमूरी स्थापत्य शैली का एक सुंदर समावेश देखने को मिलता है।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि लाल किले के कई हिस्से चूने के पत्थर से बनाए गए थे, इस कारण इसका रंग सफेद था। शुरुआत में इस किले को ‘किला-ए-मुबारक (Qila-e-Mubarak)’ कहा जाता था। बाद में जब सफेद पत्थर खराब होने लगे तो अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंग दिया। इसके बाद यह पूरा किला लाल हो गया, जिसके बाद से इसे लाल किला कहा जाने लगा।
आपको बता दें कि लाल किले के अंदर कई खूबसूरत इमारतें हैं। इन इमारतों के नाम दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास, रंगमहल, मोती मस्जिद, मोर सिंहासन हैं। इनके अलावा लाल किले में हयात बख्श बाग, छत्ता चौक, मुमताज महल, रंग महल, हीरा महल, नौबत खाना, हमाम सहित अन्य चीजें भी मौजूद हैं। लाल किले के दो मुख्य द्वारा दिल्ली गेट और लाहौर गेट हैं। इसे साल 2007 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।